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राजस्थान में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट मामले में बड़ा खुलासा, 9 CMHO दफ्तरों से जारी हुए नकली प्रमाण पत्र, नौकरी पर तलवार!

राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाने का बड़ा खुलासा हुआ है। 9 जिलों के सीएमएचओ दफ्तरों से ही फर्जी सर्टिफिकेट जारी हुए। मामले की जांच शुरू, दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी। पढ़ें मुकेश शर्मा की रिपोर्ट...

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जयपुर

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Arvind Rao

Sep 03, 2025

फर्जीवाड़ा (photo-patrika)

फर्जीवाड़ा (photo-patrika)

जयपुर: जरा सोचिए, आंखों-देखे तंदुरुस्त लोग दिव्यांग कोटे से सरकारी नौकरी में भर्ती हो गए। राजस्थान के कई जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालयों से ऐसे फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी हुए हैं।


खास बात यह है कि जयपुर और भरतपुर दफ्तरों ने सबसे ज्यादा ‘झूठे कागज’ बांटे। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि 66 संदिग्धों को मेडिकल जांच का नोटिस दिया गया। इनमें से 43 पहुंचे और मेडिकल बोर्ड ने 37 को पूरी तरह स्वस्थ पाया। यानी उनके दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी हैं। अब एसओजी ने इन सीएमएचओ को तलब करने का फैसला किया है।


होगी कड़ी कार्रवाई


पूछताछ में यह साफ होगा कि आखिर किन डॉ€क्टरों ने ‘स्वस्थ को दिव्यांग’ साबित करने की सिफारिश की। एसओजी का इरादा साफ है कि नौकरी दिलाने वाले से लेकर डॉक्टर तक, सबके खिलाफ केस दर्ज होगा।


हेल्पलाइन पर मिली थी शिकायत


एसओजी की हेल्पलाइन नंबर पर बड़ी संख्या में दिव्यांगता का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर सरकारी नौकरी में लगने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की शिकायतें मिली। इसके बाद एसओजी ने शिकायतों के आधार पर अधिकारी-कर्मचारियों के मूल विभाग से दिव्यांगता कोटे से भर्ती होने वालों की जानकारी ली।


इसके बाद इन अधिकारी-कर्मचारियों को एसएमएस अस्पताल में बनाए गए मेडिकल बोर्ड से फिर से दिव्यांगता की तस्दीक करवाने के लिए जांच करवाई। जांच में श्रव्यबाधित, दृष्टिबाधित और लोकोमोटर का फर्जी प्रमाण पत्र बनाया जाना सामने आया।

यहां से इतने फर्जी प्रमाण पत्र जारी


-4-4 जयपुर और भरतपुर से
-2 जैसलमेर से
-1-1 सिरोही, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, बांसवाड़ा और श्रीगंगानगर से


ये लोग मिले अयोग्य


-17 थर्ड ग्रेड टीचर
-3 सेकेंड ग्रेड टीचर
-4 सहायक प्राध्यापक
-2 स्टेनोग्राफर
-2 एएनएम (नर्स)
-2 पशु चिकित्सक
-1 एएओ
-1 सूचना सहायक
-1 कनिष्ठ लेखाकार
-1 स्कूल व्याख्याता
-1 कनिष्ठ सहायक
-1 ग्राम विकास अधिकारी
-1 कृषि पर्यवेक्षक


इन अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ क्या हुआ


-66 अधिकारी-कर्मचारियों को जांच के लिए बुलाया
-43 लोग जांच करवाने एसएमएस पहुंचे
-37 स्वस्थ, लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र बनाया
-6 लोग वास्तविक दिव्यांग मिले
-23 लोगों को पुन: नोटिस जारी किया
-30 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ एसओजी को और मिली शिकायत


गहन जांच होगी


सीएमएचओ से डॉ€क्टरों के नाम लिए जाएंगे, ताकि इनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा सके।
-भवानी शंकर मीणा, एएसपी, एसओजी राजस्थान


पत्रिका का प्रश्न


अगर डॉ€क्टर और सीएमएचओ स्तर पर ही ‘सत्यापन’ झूठ निकले तो फिर भरोसा किस पर करेंगे? €या सरकारी नौकरी का रास्ता ईमानदारी से चलने वालों के लिए और कठिन होता जा रहा है?