Sangeeta Arya: आरपीएससी में सदस्य पद से इस्तीफा देने के बाद संगीता आर्य एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं। पूर्व में दो बार उनका नाम भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने के मामलों में सामने आया था।
Sangeeta Arya: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में एक और बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। आयोग की सदस्य संगीता आर्य ने शुक्रवार को अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। राजभवन से उनके इस्तीफे की पुष्टि हुई।
बता दें कि संगीता आर्य को 14 अक्टूबर 2020 को आयोग में नियुक्त किया गया था। वे 13 अक्टूबर 2026 को रिटायर होने वाली थीं। वे राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्या की पत्नी हैं।
इससे पहले तीन सितंबर को आयोग की एक अन्य सदस्य, मंजू शर्मा (कवि कुमार विश्वास की पत्नी) ने भी इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि दोनों के इस्तीफे की वजह राजस्थान हाईकोर्ट की वह टिप्पणी है, जो उसने सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द करते समय की थी। इस परीक्षा को कथित तौर पर बड़े पैमाने पर पेपर लीक और अनियमितताओं के कारण अगस्त में रद्द किया गया था।
जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने फैसले में लिखा, सबसे चिंताजनक बात यह है कि केवल बाबूलाल कटारा और रामूराम राइका ही नहीं, बल्कि आयोग के अन्य सदस्य मंजू शर्मा, संगीता आर्य और जसवंत राठी भी इस मामले में सक्रिय रूप से जुड़े रहे। चार्जशीट के अनुसार, इन सदस्यों को चल रहे लेन-देन और गड़बड़ियों की पूरी जानकारी थी, जिसका इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया गया।
इस टिप्पणी के बाद आर्या, मंजू शर्मा और तत्कालीन चेयरमैन संजय श्रोत्रिय ने कोर्ट में याचिकाएं लगाकर अपने खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने की मांग की। ये याचिकाएं अभी भी लंबित हैं।
10 नवंबर को एंटी करप्शन ब्यूरो ने संगीता आर्य को EO (Executive Officer) भर्ती परीक्षा रिश्वत केस में पूछताछ के लिए तलब किया था। लेकिन उन्होंने RPSC की इंटरव्यू प्रक्रिया में व्यस्त होने का हवाला देते हुए 15 दिन की मोहलत मांगी थी।
यह केस जुलाई 2023 में सामने आया था, जब ACB ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक था गोपाल केसावत, जो उस समय ‘विमुक्त, घुमंतू और अर्धघुमंतू जनजाति कल्याण बोर्ड’ का पूर्व अध्यक्ष था। उस पर आरोप था कि वह उम्मीदवारों से रिश्वत लेकर EO परीक्षा पास कराने का भरोसा दिला रहा था।
पिछले साल ACB ने RPSC सदस्य संगीता आर्य के आवास पर करीब दो घंटे की तलाशी ली थी। हालांकि, तलाशी किस मामले में की गई, इसकी आधिकारिक जानकारी ब्यूरो की ओर से नहीं दी गई। लेकिन दस्तावेजों की पड़ताल के बाद से आर्य का नाम संदेह के घेरे में बना रहा।
दो साल पहले कांग्रेस नेता गोपाल केसावत ट्रैप केस में पकड़ा गया था। आरोप था कि दो बिचौलियों के जरिए उसने अभ्यर्थियों से लाखों रुपए लेकर OMR शीट बदलने और इंटरव्यू में अच्छे नंबर दिलाकर नौकरी दिलाने का झांसा दिया। केसावत ने दावा किया था कि उसकी RPSC में मजबूत पकड़ है। इसी केस की जांच में संगीता आर्य का नाम सामने आया।
ACB ने 10 नवंबर को आर्य को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 15 दिन की मोहलत मांगी। इसके बाद भी वे पेश नहीं हुईं और अब सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है।
इससे पहले सितंबर में RPSC सदस्य मंजू शर्मा भी इस्तीफा दे चुकी हैं। लगातार दो सदस्यों के हटने से आयोग की कार्यप्रणाली और आने वाली भर्ती प्रक्रियाओं पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
अक्टूबर 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश पर संगीता आर्य को RPSC सदस्य नियुक्त किया गया था। 2026 तक उनका कार्यकाल तय था, लेकिन एक साल पहले ही पद छोड़ना पड़ा। इससे पहले वे कांग्रेस के टिकट पर 2013 में सोजत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, उन्हें जीत नहीं मिली।
संगीता आर्य के पति निरंजन आर्य राजस्थान के मुख्य सचिव रह चुके हैं और सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मुख्यमंत्री गहलोत का सलाहकार भी बनाया गया था। राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों मोर्चों पर मजबूत पकड़ के बावजूद अब संगीता आर्य न्यायिक और जांचीय दबावों से घिरती दिख रही हैं।
आर्य के इस्तीफे के बाद RPSC में अब कुल 7 सदस्य बचे हैं, जबकि आयोग की पूरी क्षमता 11 सदस्यों की है। सदस्य बाबूलाल कटारा पहले से ही टीचर भर्ती पेपर लीक केस में गिरफ्तार होने के बाद सस्पेंड हैं। इसके बावजूद RPSC के सचिव रामनिवास मेहता का कहना है कि कामकाज प्रभावित नहीं होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि RAS-2024 सहित अन्य इंटरव्यू को लेकर कोई समस्या नहीं होगी। आयोग के पास बोर्ड बनाने के लिए पर्याप्त सदस्य मौजूद हैं।
अध्यक्ष: उत्कल रंजन साहू
सदस्य: ले. कर्नल (सेवानिवृत्त) केसरी सिंह राठौड़
कैलाश चंद मीणा
अय्यूब खान
सुशील कुमार बिस्सू
अशोक कुमार कलवार
पूर्व IPS अधिकारी हेमंत प्रयदर्शी