Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने आवास पर आयोजित विधायक-सांसद संवाद बैठक में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुटता का स्पष्ट संदेश दिया।
Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बीते सोमवार को अपने आवास पर आयोजित विधायक-सांसद संवाद बैठक में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुटता और कार्यकुशलता का स्पष्ट संदेश दिया। इस बैठक में सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने पर गहन मंथन हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब शिकायतों और मनमुटाव का समय खत्म हो चुका है। अब हर स्तर पर केवल और केवल काम पर ध्यान देना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता के बीच भाजपा को और मजबूत करने के लिए एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को हथियार बनाने की बात कही। उन्होंने जल जीवन मिशन, मुफ्त बिजली योजना और राम जल सेतु लिंक परियोजनाओं को विकास की रीढ़ बताया। इन योजनाओं के जरिए सरकार न केवल जनता की मूलभूत जरूरतों को पूरा करना चाहती है, बल्कि विपक्ष के आरोपों का जवाब भी देना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने नेताओं को निर्देश दिए कि वे इन योजनाओं के लाभ को जन-जन तक पहुंचाने और उनकी प्रगति की जानकारी साझा करने पर विशेष ध्यान दें।
बैठक में आगामी पंचायत और निकाय चुनावों की रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा हुई। तय किया गया कि संगठन के प्रति निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्ताओं को ही टिकट दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ये चुनाव केवल जीत के लिए नहीं, बल्कि संगठन को गांव-गांव तक मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर हैं।
इसके लिए कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर सक्रिय रहने और जनता के बीच पार्टी की नीतियों को प्रभावी ढंग से रखने के निर्देश दिए गए।
बैठक को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए नेताओं को छोटे-छोटे समूहों में बांटा गया। प्रत्येक समूह की जिम्मेदारी एक वरिष्ठ नेता को सौंपी गई, ताकि कार्यों का बंटवारा और निगरानी सुचारू रूप से हो सके। मुख्यमंत्री ने विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में जर्जर स्कूल भवनों की सूची तैयार करने और सरकार को सौंपने के निर्देश दिए।
बता दें, बैठक की शुरुआत भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के संबोधन से हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ है। संगठन की मजबूती ही सत्ता को स्थिरता प्रदान करती है। इसके बाद विभिन्न जिलों के अध्यक्षों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और जमीनी स्तर के हालातों से अवगत कराया। इन रिपोर्टों के आधार पर संगठन ने कमजोर क्षेत्रों को चिह्नित कर उन्हें मजबूत करने की रणनीति बनाई।