30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान के दो पूर्व विधायकों की बढ़ सकती है मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 14 दिन में मांगा जवाब

Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के नागौर हिंसा मामले में दो पूर्व विधायकों, पुख़राज गर्ग और इंदिरा बावरी के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के सरकार के फैसले पर स्पष्टीकरण मांगा है।

2 min read
Google source verification
Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की लगाई फटकार (SC Website)

Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के नागौर हिंसा मामले में दो पूर्व विधायकों, पुख़राज गर्ग और इंदिरा बावरी के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के राजस्थान सरकार के 2021 के फैसले पर स्पष्टीकरण मांगा है। मंगलवार को जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिष्णोई की पीठ ने इस मामले को लेकर सुनावाई की।

जजों ने सरकार से पूछा कि क्या वह अपने उस आवेदन पर अब भी कायम है, जिसमें तत्कालीन भोपालगढ़ विधायक पुख़राज गर्ग और मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी के खिलाफ अभियोजन वापसी की मांग की गई थी। यह मामला अगस्त 2019 में नागौर के बंजारों की ढानियों में हुई हिंसा से जुड़ा है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी।

क्या है हिंसा का पूरा मामला?

दरअसल, 25 अगस्त 2019 को राजस्थान हाई कोर्ट के अतिक्रमण हटाने के आदेश के दौरान हिंसा भड़क उठी। आरोप है कि स्थानीय नेताओं के उकसावे पर भीड़ ने प्रशासन और पुलिस पर हमला किया, जिसमें जेसीबी चालक फारूक खान की मौत हो गई। इस घटना में दोनों विधायकों समेत कई लोगों के खिलाफ दंगा, आपराधिक साजिश और हत्या जैसे गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज हुई।

फिर 17 फरवरी 2021 को राज्य की समिति ने दोनों विधायकों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की सिफारिश की। इसके बाद, 20 फरवरी 2021 को सरकार ने CrPC की धारा 321 के तहत आवेदन दायर करने का आदेश दिया, जिसे 26 फरवरी 2021 को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।

लेकिन 3 जून 2021 को राजस्थान हाई कोर्ट ने एक अन्य आरोपी देवा राम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान इस वापसी के आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसने 11 अप्रैल 2022 को हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।

दो सप्ताह बाद फिर होगी सुनवाई

मंगलवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा से पूछा कि क्या सरकार अब भी अभियोजन वापसी के फैसले पर कायम है। कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है कि वह इस पर अपना अंतिम रुख स्पष्ट करे। अब राजस्थान सरकार को अपने फैसले की समीक्षा कर सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना होगा। मामला दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई के लिए आएगा, जब कोर्ट यह तय करेगा कि विधायकों के खिलाफ मुकदमा वापसी का निर्णय सही था या नहीं।