World Photography Day: राजस्थान अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, शानदार किलों, महलों और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां की झीलें, रेगिस्तान और प्राचीन स्थापत्य लोगों को बरसों से आकर्षित करते आए हैं।
जयपुर: राजस्थान, जिसे 'राजाओं की धरती' कहा जाता है। समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, अद्भुत स्थापत्य कला और प्राकृतिक सौंदर्य की ऐसी रचना है, जिसने सदियों से लोगों को आकर्षित किया है। प्राचीन युग के प्रहरी बने भव्य किलों से लेकर शाही वैभव को प्रतिबिंबित करती शांत झीलों तक, राजस्थान ऐसे अनेक दर्शनीय स्थल समेटे हुए है, जो इंद्रियों को मोहित कर आत्मा पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं।
अगर आप घूमने की योजना बना रहे हैं तो राजस्थान जरूर आपकी सूची में होना चाहिए। विश्व फोटोग्राफी दिवस 2025 पर हम आपको राजस्थान की 10 ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां पहुंचकर आप अच्छी फोटोग्राफी कैमरे में कैद कर सकते हैं।
आइए, हम आपको राजस्थान के शीर्ष दस दर्शनीय स्थलों की सैर पर ले चलते हैं, जहां इतिहास, परंपरा और प्राकृतिक सौंदर्य एक साथ मिलकर ऐसा अविस्मरणीय अनुभव रचते हैं, जो आपकी यात्राओं की प्यास को और गहरा कर देगा तथा आपको बार-बार यहां लौटने के लिए प्रेरित करेगा।
पहाड़ी पर स्थित आमेर किला राजपूताना वास्तुकला का शानदार उदाहरण है। विशाल दरवाजे, नक्काशीदार महल और शीश महल इसे खास बनाते हैं।
हाथी की सवारी कर किले तक पहुंचना।
शाम का लाइट एंड साउंड शो।
दीवारों और छतों पर की गई बारीक नक्काशी।
शीशमहल, जहां हजारों छोटे शीशे मिलकर रोशनी का अद्भुत नजारा बनाते हैं।
झीलों की नगरी उदयपुर का सिटी पैलेस राजस्थानी और मुगल शैली का अद्भुत मेल है।
संग्रहालय में शाही वस्तुएं और कलाकृतियां देखें।
पिछोला झील में बोट राइड का आनंद लें।
पास ही जगदीश मंदिर, सहेलियों की बाड़ी, फतेहसागर झील, मानसून पैलेस और बागोर की हवेली भी देखें।
थार के सुनहरे रेगिस्तान में बसा यह “सोनार किला” अभी भी बसा हुआ है।
यहां अनुभव करें
किले की संकरी गलियों और हवेलियों में घूमना।
जैन मंदिरों की अद्भुत कलाकारी देखना।
स्थानीय व्यंजन चखना।
सूर्यास्त के समय किले की सुनहरी चमक निहारना।
यहां बाघ को उसके प्राकृतिक आवास में देखने का मौका मिलता है।
जीप या कैंटर सफारी।
300 से अधिक पक्षियों को देखना।
पुराने किले और मंदिरों के खंडहर।
पुष्कर हिंदुओं का पवित्र तीर्थ है।
झील में पवित्र स्नान।
रंग-बिरंगी पुष्कर बाजार से खरीदारी।
वार्षिक ऊंट मेला देखना।
ब्रह्मा मंदिर में संध्या आरती का अनुभव।
नीली नगरी जोधपुर का यह विशाल किला पहाड़ी पर स्थित है।
किले का संग्रहालय।
प्राचीन नक्काशीदार आंगन।
ऊपर से नीली बस्ती का अद्भुत नजारा।
पास में जसवंत थड़ा, उम्मेद भवन पैलेस, मंडोर गार्डन और सरदार मार्केट भी देखने लायक हैं।
953 झरोखों से सजा यह “पवन महल” जयपुर की पहचान है।
बाहर से फोटो खिंचवाना।
अंदर जाकर नक्काशीदार झरोखे देखना।
रात में इसकी रोशनी से सजी खूबसूरती देखना।
भारत का सबसे बड़ा किला, जो राजपूती वीरता और बलिदान का प्रतीक है।
विजय स्तंभ (विजय का प्रतीक)।
महल और मंदिरों की अद्भुत नक्काशी।
किले से आसपास का मनमोहक दृश्य।
रेगिस्तान की असली पहचान ऊंट सफारी है।
सूर्योदय या सूर्यास्त के समय ऊंट की सवारी।
रेगिस्तानी कैंप में रहना।
राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य का आनंद लेना।
तारों भरा आसमान देखना।
पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग, यहां सर्दियों में साइबेरियन क्रेन तक देखने को मिलती है।
पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां देखना।
हरे-भरे जंगल और झीलों का आनंद लेना।
प्रकृति प्रेमियों के लिए पिकनिक और गाइडेड टूर का अनुभव।
राजस्थान अपनी शाही विरासत, जीवंत संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता से हर यात्री को मंत्रमुग्ध कर देता है। किलों, झीलों और रेगिस्तान के अलावा यहां के मेले, त्यौहार, बाजार और व्यंजन भी आपके दिल को छू लेंगे।