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Brahmos Missile: अब पाकिस्तान के उड़ेंगे होश, ब्रह्मोस मिसाइल को और ताकतवर बना रही है DRDO और Air Force

वर्तमान में ब्रह्मोस मिसाइल मैक 3 की गति से उड़ान भरती है। नई तकनीक के जरिए इसे लगभग मैक 4.5 की गति तक बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे यह हाइपरसोनिक सीमा (मैक 5) के बेहद करीब पहुंच जाएगी।

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Brahmos Missile

ब्रह्मोस मिसाइल। फाइल फोटो- पत्रिका नेटवर्क

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का उन्नत संस्करण तैयार करने के लिए डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना जुटी है। इसके रैमजेट इंजन का परीक्षण शुरू हो चुका है। वैज्ञानिक इसकी स्पीड 4.5 मैक तक करना चाहते हैं, ताकि ब्रह्मोस और अधिक स्पीड के साथ पाकिस्तान एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देते हुए हमला करे।

स्पीड के अलावा इसकी रेंज 450 किलोमीटर से अधिक बढ़ाने पर भी अलग से परीक्षण चल रहा है। इसके भी ग्राउण्ड ट्रायल चल रहे हैं, ताकि सुखोई लड़ाकू विमान भारतीय सीमा से ही ब्रह्मोस दाग सके। भारत और रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस कॉर्पेारेशन ने इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को नियर-हाइपरसोनिक गति तक पहुंचाने के लिए रैमजेट इंजन में सुधार कर रहे हैं।

अभी मैक 3 की रफ्तार

वर्तमान में ब्रह्मोस मिसाइल मैक 3 की गति से उड़ान भरती है। नई तकनीक के जरिए इसे लगभग मैक 4.5 की गति तक बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे यह हाइपरसोनिक सीमा (मैक 5) के बेहद करीब पहुंच जाएगी। इस गति से इंजन के थ्रस्ट और तापमान की सहनशीलता जैसे तकनीकी मानदंडों पर काम चल रहा है।

ग्राउण्ड ट्रायल के बाद होगा सुखोई से फ्लाइट टेस्ट

ग्राउंड ट्रायल्स की सफलता के बाद ब्रह्मोस के फ्लाइट टेस्ट किए जाएंगे, ताकि नए इंजन की गति, मार्गदर्शन और नियंत्रण प्रणाली का वास्तविक परिस्थितियों में परीक्षण हो सके। इसके सुखोई लड़ाकू विमानों में लाया जाएगा।

वर्तमान में यह केवल सुखोई लड़ाकू विमान के साथ अटैच है। करीब 40 सुखोई विमान ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस है। जोधपुर एयरबेस पर केवल सुखोई की स्क्वाड्रन है। ऑपरेशन सिंदूर के समय सुखोई विमानों ने ही ब्रह्मोस से भारतीय सीमा से ही हमला करके पाकिस्तान के एयरबेस उड़ाए थे। इस दौरान 10 से 12 ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ था।

यह वीडियो भी देखें

ऑपरेशन सिंदूर में देखी क्षमता

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने रूस से आयातित एस-400 सिस्टम का बखूबी इस्तेमाल किया था। पाकिस्तान के चीन के एयर डिफेंस सिस्टम एचक्यू-9 का इस्तेमाल करता है। वह भी इसे उन्नत बनाने में जुटा है। ब्रह्मोस मिसाइल अधिक मैक के साथ हमला करने पर इसके रेस्पॉन्स टाइम में कमी आएगी। साथ ही इसे इंटरसेप्ट करना भी कठिन रहेगा। तेज गति से मिसाइल की गतिज ऊर्जा भी बढ़ेगी, जिससे बंकर, कमांड सेंटर या युद्धपोत जैसे ठोस लक्ष्य पर प्रभावकारी आघात हो सकेगा।