सीमांत जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को जल्द ही विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलने वाली हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 140 करोड़ रुपए की लागत से चल रहा पुनर्विकास कार्य अंतिम चरण में है।
सीमांत जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को जल्द ही विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलने वाली हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 140 करोड़ रुपए की लागत से चल रहा पुनर्विकास कार्य अंतिम चरण में है। इसी क्रम में जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने गत रविवार को स्टेशन पहुंचकर कार्यों का निरीक्षण किया था और निर्माण की प्रगति पर संतोष जताया। दिव्यांगों व बुजुर्ग यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर 10 लिफ्ट और 10 एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं। एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए 6 मीटर चौड़ाई वाले दो नए फुट ओवरब्रिज भी बनाए गए हैं, जिससे अब सफर पहले से कहीं अधिक आरामदायक और सुगम होगा।
पुनर्विकास के तहत 8,327 वर्ग मीटर क्षेत्र में जी प्लस 2 मंजिला स्टेशन भवन तैयार किया गया है, जिसमें राजस्थानी मारवाड़ी हैरिटेज शैली और आधुनिक आर्किटेक्चर का सुंदर मेल किया गया है। भवन का स्वरूप ऐसा रचा गया है कि वह जैसलमेर की पहचान से जुड़ा हुआ लगे और साथ ही यात्रियों को आधुनिक सुख-सुविधाएं भी मिले। स्टेशन परिसर में एयर कॉनकोर्स एरिया विकसित किया गया है, जिसमें 480 वर्ग मीटर क्षेत्र वाणिज्यिक उपयोग के लिए रखा गया है। प्लेटफॉर्म क्षेत्र को 10,000 वर्ग मीटर से अधिक छाया क्षेत्र में ढका जा रहा है। पुनर्विकास की योजना आगामी 50 वर्षों के यात्री भार को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिससे रोजाना 35 हजार से अधिक यात्रियों को आरामदायक सुविधाएं मिल सकेंगी। डीआरएम ने निरीक्षण के दौरान स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया और रेलवे कॉलोनी का भी जायजा लिया। रेलकर्मियों और उनके परिजनों से संवाद करते हुए उन्होंने कॉलोनी को आदर्श मॉडल के रूप में विकसित करने के निर्देश भी दिए।