भूखंड पर कार्य शुरू करवाने और संबंधित पत्रावली में आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन करने के बदले अनुभाग अधिकारी भवानी शंकर स्वामी 30 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था।
जैसलमेर। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जैसलमेर में बड़ी सफलता हासिल की है। एसीबी की जोधपुर शहर इकाई ने रीको (राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम) कार्यालय जैसलमेर में तैनात अनुभाग अधिकारी भवानी शंकर स्वामी को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एसीबी मुख्यालय जयपुर के निर्देश पर की गई।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक पुलिस गोविन्द गुप्ता ने बताया कि एसीबी को इस संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसकी भाभी के नाम किशनघाट औद्योगिक क्षेत्र, जैसलमेर में स्थित एक भूखंड को रीको द्वारा वर्ष 2024 में निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद परिवादी द्वारा अपील करने पर रीको कार्यालय जैसलमेर ने उक्त प्लॉट को पुनः बहाल कर दिया।
आरोप है कि भूखंड बहाल होने के बावजूद उस पर कार्य प्रारंभ करवाने तथा संबंधित पत्रावली में आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन करने के बदले अनुभाग अधिकारी भवानी शंकर स्वामी द्वारा 30 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी। रिश्वत नहीं देने पर परिवादी को लगातार परेशान किया जा रहा था। इससे तंग आकर परिवादी ने एसीबी से संपर्क किया।
शिकायत का सत्यापन होने के बाद उप महानिरीक्षक पुलिस एसीबी जोधपुर भुवन भूषण यादव के सुपरविजन में ट्रैप की योजना बनाई गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में उप अधीक्षक किशनसिंह चारण मय जाब्ता ने ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया। कार्रवाई के दौरान आरोपी अनुभाग अधिकारी को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
एसीबी राजस्थान की अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस स्मिता श्रीवास्तव के सुपरविजन में आरोपी से पूछताछ और आगे की कार्रवाई जारी है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर विस्तृत अनुसंधान किया जा रहा है।