Dinosaur Fossils in Jaisalmer: भूविज्ञानी डॉ. नारायण दास इनिखिया के मुताबिक ये जीवाश्म जुरासिक युग के डायनासोर के अवशेष हो सकते हैं।
दुनिया के विभिन्न कोनों से डायनासोर के जीवाश्मों के मिलने की खबरें अक्सर सामने आती हैं। ऐसे ही एक मामला राजस्थान के जैसलमेर से सामने आया है। जहां दावा किया जा रहा है यह जीवाश्म जुरासिक युग के डायनासोर के अवशेष हो सकते हैं। यह जीवाश्म मेघा गांव में मिले हैं।
भूविज्ञानी डॉ. नारायण दास इनिखिया के मुताबिक ये जीवाश्म जुरासिक युग के डायनासोर के अवशेष हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि अवशेष करीब 7 फीट लंबा है। इसमें पंख भी मिले हैं। ऐसे में माना जा सकता है यह जुरासिक काल का उड़ने वाला डायनासोर या फिर उससे जुड़ी किसी प्रजाति का हो सकता है। उन्होंने बताया कि यह अवशेष तालाब की खुदाई के दौरान मिले हैं।
डॉ. इनिखिया का कहना है कि गांव में पांव और रीड की हड्डी के भी जीवाश्म मिले हैं। उन्होंने इससे जुड़ी तस्वीरें और वीडियो अपनी वरिष्ठ अधिकारियों को भेजे हैं। उनका कहना है कि यह जीवाश्म मानव के अस्तित्व से पहले के हैं। ऐसे में यह करीब 18 करोड़ साल पुराना हो सकता है। उन्होंने इसे अनुसंधान और गर्व का विषय बताया है।
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गौरतलब है कि जैसलमेर में ही इससे पहले भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-रूड़की के वैज्ञानिकों ने लंबी गर्दन, पौधे खाने वाले डाइक्रायोसॉरिड डायनासोर के सबसे पुराने जीवाश्म अवशेषों की खोज की थी। वैज्ञानिकों के एक समूह ने इस पर साल 2018 से 2023 तक करीब 5 साल तक शोध किया था।
उस दौरान मिला जीवाश्म करीब 167 167 मिलियन वर्ष पुराने थे। इस डायनासोर का नाम 'थारोसॉरस इंडिकस' रखा गया था। पहला नाम थार रेगिस्तान को संदर्भित करता है, जहां जीवाश्म पाए गए थे और दूसरा नाम इसके मूल देश, यानी भारत के नाम पर है।