गोवर्धन पूजा से लाभ पंचमी तक लगभग 50 हजार गुजराती सैलानी जैसलमेर पहुंचेंगे। इससे स्थानीय पर्यटन कारोबार में करीब 60 करोड़ रुपए की आवक होगी।
जैसलमेर: स्वर्णनगरी में दिवाली के बाद पर्यटन का स्वर्णकाल शुरू होने जा रहा है। पड़ोसी राज्य गुजरात से आने वाले पर्यटकों के कारण इस बार भी जैसलमेर का पर्यटन क्षेत्र रोशन होने वाला है।
पर्यटन विशेषज्ञों का अनुमान है कि गोवर्धन पूजा से लाभ पंचमी तक लगभग 50 हजार गुजराती सैलानी जैसलमेर पहुंचेंगे, जिससे स्थानीय पर्यटन कारोबार में करीब 60 करोड़ रुपए की आवक होगी। स्थानीय होटल, रिसॉर्ट और रेस्टोरेंट संचालक इसे दिवाली का ‘उपहार’ मान रहे हैं।
गुजरात के व्यापारी और मध्यमवर्गीय परिवार हर साल दिवाली के दूसरे दिन से भ्रमण पर निकलते हैं। लाभ पंचमी तक चलने वाली इन छुट्टियों के दौरान जैसलमेर उनके पसंदीदा स्थलों में सबसे ऊपर रहता है।
शहर के होटल, रिसॉर्ट, होम स्टे और टेंट कॉलोनियां इस अवधि में पूरी तरह बुक हो जाती हैं। सम और खुहड़ी के रेतीले धोरों पर शाम के समय हजारों सैलानियों का जमावड़ा होता है। सुनहरी हवेलियां, प्राचीन दुर्ग और सम के धोरों की रोमांचक सैर-गुजराती सैलानियों को हर साल खींच लाती है।
-5 दिन दिवाली से लाभ पंचमी तक रहेगा गुजराती पर्यटकों का बूम।
-50 हजार के करीब पर्यटकों का स्वर्णनगरी भ्रमण पर आने की अनुमान
-60 करोड़ के करीब आएंगे पर्यटन से जैसाण की झोली में।
-12 से अधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल माने जाते हैं जैसलमेर के।
-42 किलोमीटर दूर सम के धोरों का आकर्षण रिझाता है गुजराती पर्यटकों को।
स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों के अनुसार, हर साल की तरह इस बार भी गुजराती सैलानियों का उत्साह देखने को मिलेगा। रिसॉर्ट व्यवसायी पुष्पेंद्र कुमार व्यास का कहना है कि दिवाली के बाद का पूरा सीजन गुजराती पर्यटकों के भरोसे चलता है। रेस्टोरेंट संचालक जसवंत सिंह ने बताया कि हमारी तैयारियां पूरी हैं, इस बार अच्छे व्यवसाय की उम्मीद है।
दिवाली के बाद सोनार दुर्ग की घाटियों में इतनी भीड़ होती है कि यहां महानगरों जैसी यातायात स्थिति देखने को मिलती है। दुर्ग के दशहरा चौक में मेले जैसा माहौल रहता है, जबकि गड़ीसर सरोवर नौकायन और फोटोग्राफी के लिए पर्यटकों का पसंदीदा स्थान बन जाता है। लाभ पंचमी तक शहर के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर गुजराती सैलानियों का बोलबाला रहता है।