जैसलमेर जिले में 5 प्रमुख चौराहों को 2 करोड़ से अधिक खर्च कर कलात्मक रूप दिया जा रहा है। खमा घणी सर्कल तैयार हो चुकी है और अन्य पर कार्य जारी है। जैसलमेरी पत्थर से सजावट हो रही है। सम मार्ग दोहरीकरण से सफर तेज, सुरक्षित और हादसों में कमी की उम्मीद जताई जा रही है।
जैसलमेर: स्वर्णनगरी के प्रमुख मार्गों पर चौराहों के दिन फिरने वाले हैं। कुल पांच चौराहों पर 2 करोड़ रुपए से अधिक की लागत खर्च कर उन्हें कलात्मक ढंग से सजाया-संवारा जा रहा है। जोधपुर और बाड़मेर मार्ग की ओर जाने वाले खमा घंणी सर्कल का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि चार अन्य सर्कलों का कार्य प्रगति पर है।
इन दिनों 4 दर्जन चौराहों पर 4 दर्जन श्रमिक दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। कलात्मक सजावट में स्थानीय संस्कृति और आधुनिक डिजाइन का संगम देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों का आगमन सीमांत शहर में होगा। उनके सामने शहर की छवि को चमकाने में नगर परिषद के साथ नगर विकास न्यास काम में लगा है।
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गड़ीसर चौराहा से जोधपुर और बाड़मेर जाने वाले मार्गों से ठीक पहले खमा घणी नाम से सर्कल का निर्माण करवाया जा चुका है। उसके थोड़ी दूरी पर दो अन्य सर्कलों को नए अंदाज में तैयार करवाया जा रहा है। दूसरी ओर पंचायत समिति सम चौराहा और सम मार्ग पर विजय स्तंभ सर्कल की कायापलट का काम भी प्रगति पर है।
चौराहों के नवनिर्माण में स्वर्ण के समान चमक बिखेरने वाले जैसलमेरी पत्थरों पर कलात्मकता का समावेश किया जा रहा है। यह सभी चौराहे पर्यटकों की आवाजाही के प्रमुख मार्गों पर बने हैं। इन जगहों से जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले लगभग सभी पर्यटक पहुंचते हैं। हालांकि, अभी तक सबसे प्रमुख हनुमान चौराहा का काम शुरू नहीं करवाया जा सका है।
बताया जाता है कि इसकी डिजाइन को फिर से तैयार करवाया जाएगा। ऐसे ही किशन सिंह भाटी बस स्टैंड चौराहा के सर्कल का टेंडर फिर से निकाले जाने की जानकारी है। उसके बाद ही यह काम हाथ में लिया जाएगा। एयरफोर्स चौराहा सर्कल का काम भी अब तक शुरू नहीं हो सका है।
जैसलमेर घूमने आने वाले अधिकांश सैलानी सम सेंड ड्यून्स की सैर करने अवश्य जाते हैं। सम मार्ग पर पर्यटकों की भारी आवाजाही को ध्यान में रखते हुए इस पूरे मार्ग का दोहरीकरण पूरा हो चुका है, जिससे जैसलमेर से सेंड ड्यून्स तक जाने में अब कम समय लग रहा है।
वहीं, सड़क पहले से सुरक्षित भी हुई है। जैसलमेर के मूमल ट्यूरिस्ट बंगलो से सेंड ड्यून्स की ओर जाने वाले मार्ग के बीच डिवाइडर निर्माण होने से इस मार्ग पर आए दिन होने वाले हादसों में भी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।