Khet Singh Murder: जैसलमेर जिले के डांगरी गांव में खेत सिंह का शव शुक्रवार सुबह सात बजे बाड़मेर से लाया गया। गांव के श्मशान घाट पर पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों को संविदा पर नौकरी मिलेगी, जबकि आरोपियों की 5 दुकानों पर बुलडोजर चलेगा।
Khet Singh Murder: सरहदी जैसलमेर जिले का डांगरी गांव में गुरुवार को तनाव और आक्रोश का माहौल देखने को मिला। किसान खेत सिंह की हत्या के बाद ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर दिखा। गौरतलब है कि हिरण का शिकार रोकने वाले किसान को बदमाशों ने पहले बेरहमी से पीटा और बाद में उसकी जान ले ली।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। हत्या के बाद डांगरी गांव में तनाव की स्थिति बन गई। बुधवार को पूरा बाजार बंद रहा। शाम होते ही गुस्साई भीड़ ने टायर-ट्यूब की एक दुकान में आग लगा दी। लपटों ने पास की तीन अन्य दुकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। बुधवार देर रात आरोपियों के डंपर को भी आग के हवाले कर दिया गया। माहौल बिगड़ने पर जिला कलेक्टर प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे मौके पर पहुंचे।
गुरुवार को गांव में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी। भाजपा नेता स्वरूप सिंह और अन्य नेताओं के आह्वान पर बड़ी संख्या में लोग डांगरी गांव से दो किलोमीटर दूर जमा हो गए। टेंट लगाकर धरना शुरू किया गया। धरने में भाजपा जिलाध्यक्ष दलपतराम मेघवाल, पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी और कई नेता पहुंचे। आरोपियों के मकान और अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया। इस दौरान आरोपियों के घर तोड़ने के लिए जेसीबी मंगाई गई।
रात को आखिरकार प्रशासन और शिष्टमंडल की वार्ता से सहमति बनी। आरोपियों की पांच दुकानों पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज करने की कवायद शुरू की गई। मृतक परिवार को मुआवजा और परिजन को संविदा नौकरी देने का निर्णय हुआ। निर्दोषों पर कार्रवाई नहीं होगी, जबकि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। सहमति के बाद धरना समाप्त हुआ, गांव में भारी सुरक्षा व्यवस्था तैनात रही।
वार्ता में जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, जिला प्रमुख प्रताप सिंह सोलंकी रामगढ़, पोकरण विधायक प्रताप पुरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व विधायक सांग सिंह भाटी, युवा नेता कवराज सिंह चौहान और सुनीता भाटी सहित कई नेता मौजूद रहे। आरोपियों की पांचों दुकानों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें जमींदोज किया गया। मृतक परिवार को उचित मुआवजा देने और परिजनों को संविदा नौकरी देने का निर्णय लिया गया।
निर्दोष लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, जबकि हत्याकांड और शिकार प्रकरण में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। सहमति के बाद धरना समाप्त हुआ, डांगरी गांव में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही और शुक्रवार को मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।