Flight Ticket Price Hike: कुछ ही दिनों में किराया ढाई गुना तक बढ़ गया है। वैसे, यह स्थिति हर साल त्योहार और पर्यटन सीजन में देखने को मिलती है। दिवाली से लेकर नए साल तक बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
Flight Ticket Price Hike: जैसलमेर: दीवाली के त्योहारी माहौल के साथ ही जैसलमेर से जुड़ी हवाई सेवाओं का किराया तेजी से बढ़ने लगा है। दिल्ली से जैसलमेर की उड़ानों का शुरुआती किराया 1 अक्टूबर को लगभग 8 हजार रुपए था, जो अब 19 से 20 हजार रुपए तक पहुंच गया है।
बता दें कि कुछ ही दिनों में किराया ढाई गुना तक बढ़ गया है। वैसे, यह स्थिति हर साल त्योहार और पर्यटन सीजन में देखने को मिलती है। दिवाली से लेकर नए साल तक बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।
इसी कारण कंपनियां किराया बढ़ा देती हैं। बुकिंग, सीजन और यात्रियों की संख्या के आधार पर बढ़ता या घटता है। अधिक बुकिंग या सीमित सीटें होने पर किराया बढ़ा दिया जाता है, जबकि कम बुकिंग या ऑफ-सीजन में कम कर दिया जाता है।
टूर ऑपरेटरों के मुताबिक, दिवाली से लेकर नए साल तक यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। इस सीजनल डिमांड का असर हवाई किरायों पर भी साफ दिख रहा है। भाटिया हॉलीडेज के टूर ऑपरेटर अखिल भाटिया बताते हैं, यह हर साल की स्थिति है। जैसे ही पर्यटन सीजन और त्योहारों का समय आता है, एयरलाइंस कंपनियां डिमांड-सप्लाई के आधार पर टिकट के दाम बढ़ा देती हैं।
उन्होंने कहा कि फिलहाल जैसलमेर में सैलानियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे पैसेंजर लोड भी बढ़ा है और इसका सीधा असर किरायों पर पड़ा है। हालांकि, सीजन खत्म होने पर दरें सामान्य हो जाती हैं।
एयरलाइंस कंपनियां डायनामिक प्राइसिंग सिस्टम पर काम करती हैं। इसके तहत किराया तय नहीं होता, बल्कि यह यात्रियों की संख्या, बुकिंग के समय और डिमांड पर निर्भर करता है। जब सीटें सीमित होती हैं या बुकिंग बढ़ती है, तो किराया स्वचालित रूप से बढ़ जाता है, जबकि ऑफ-सीजन में घट जाता है।
मयंक भाटिया कहते हैं, अक्टूबर से फरवरी जैसलमेर का मुख्य पर्यटन सीजन होता है। इस दौरान यहां के किले, हवेलियां और रेत के टीलों को देखने देशभर से सैलानी आते हैं। बढ़ी मांग से होटल, टैक्सी, हैंडीक्राफ्ट और रेस्तरां कारोबार को तो फायदा होता है, लेकिन उड़ान किराए बढ़ना आम यात्रियों के लिए मुश्किल खड़ी कर देता है।