मुंबई में सफल बिजनेसमैन बने गुमानाराम सुथार ने पत्नी चांदी देवी की स्मृति में 2 करोड़ 51 लाख रुपए दान कर बालिका विद्यालय और आदर्श विद्या मंदिर बनाने की घोषणा की। शिक्षा को समर्पित यह पहल प्रेरक मिसाल बनी।
जैसलमेर: राजस्थान के जैसलमेर जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरक उदाहरण सामने आया है। कानोई गांव के निवासी गुमानाराम सुथार, जिन्होंने अपना जीवन एक साधारण बढ़ई के रूप में शुरू किया था। आज सफल बिजनेसमैन बनकर अपने गांव और जिले की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने का संकल्प ले चुके हैं।
बता दें कि उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी चांदी देवी की स्मृति में दो करोड़ 51 लाख रुपए का सहयोग देने की घोषणा की है। यह राशि बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दी जाएगी। गुमानाराम ने जैसलमेर शिक्षा विकास समिति के अध्यक्ष महोदय को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि उनकी पत्नी की इच्छानुसार शहर में बालिका विद्यालय का निर्माण करवाया जाए।
पत्र में उन्होंने लिखा कि उनकी धर्मपत्नी के नाम से इस विद्यालय का निर्माण होना चाहिए, ताकि उनकी स्मृति शिक्षा के रूप में सदा जीवित रहे। इस प्रस्ताव को जैसलमेर के जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने भी प्राप्त होने की पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन इस नेक कार्य को पूरा करने में हर संभव सहयोग करेगा। यह योगदान जैसलमेर जिले की शैक्षिक ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।
लंबे संघर्ष के बाद सफलता पाने वाले गुमानाराम करीब 50 साल पहले मुंबई गए थे। उन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर निर्माण उद्योग में पहचान बनाई। आज उनकी कंपनी L&T और रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम कर रही है।
उनके पुत्र जगदीश सुथार बताते हैं कि भले ही पिता मुंबई में बस गए, लेकिन उनका दिल हमेशा जैसलमेर की रेत से जुड़ा रहा। यही लगाव उन्हें शिक्षा के माध्यम से गांव को आगे बढ़ाने की ओर ले गया।
कानोई गांव में बालिका विद्यालय और आदर्श विद्या मंदिर (सह-शिक्षा) उच्च प्राथमिक स्तर पर बनाए जाएंगे। इसको लेकर गांव में खुशी की लहर है। लोग इस पहल को “शिक्षा का सूर्योदय” मान रहे हैं। गुमानाराम का यह कदम साबित करता है कि सफलता का असली अर्थ 'समाज को लौटाना' होता है।