Solar Energy Plant: प्रदेश व्यापी बिजली संकट और पॉवर यूनिट्स पर अतिरिक्त लोड की स्थिति में भी जालोर में पॉवर कट की समस्या नहीं आएगी।
जालोर। प्रदेश व्यापी बिजली संकट और पॉवर यूनिट्स पर अतिरिक्त लोड की स्थिति में भी जालोर में पॉवर कट की समस्या नहीं आएगी। जालोर के निकट बारलावास-मेड़ानिचला 200 मेगावाट सोलर एनर्जी प्लांट का काम पूरा हो चुका और उसके बाद इससे लेटा के 220 केवी जीएसएस पर सप्लाई की तैयारी भी पूरी कर ली गई है।
प्लांट के जीएसएस पर लगे ट्रांसफार्मर पूरी तरह से चार्ज हो चुके है और अब यहां से लेटा जीएसएस की सप्लाई करने की स्थिति में है। यहां से सप्लाई शुरु होने के साथ लेटा 220 केवी जीएसएस पर प्रतिदिन 24 घंटे में 10 से 11 लाख अतिरिक्त यूनिट बिजली उपलब्ध हो पाएगी, जिससे जालोर में बिजली संकट की स्थिति नहीं बनेगी।
यही नहीं भविष्य की जरुरत को देखते हुए भी ये प्लांट बिजली उपलब्धता का बेहतर विकल्प मौजूद रहेगा। जीएसएस पर लोड सेटिंग होने तक सोलर जीएसएस से कुछ हिस्से की सप्लाई दी जाएगी, इसकी शुरुआत रविवार दोपहर 1.15 बजे की गई। अगस्त अंत तक लोड सेट होने के बाद पूरी आपूर्ति शुरु कर दी जाएगी।
बारलावास-मेड़ा निचला के बीच स्थित सोलर स्टेशन पर भी पॉवर हाउस बना हुआ है। सोलर पैनल से बिजली इनवर्टर होते हुए ट्रांसफार्मर तक पहुंचेगी और वहां से कंट्रोल रूम से होते हुए 220 केवी पॉवर हाउस तक जाएगी। 24 किलोमीटर बिजली की हाईटेंशन लाइन से यह उत्पादित बिजली लेटा 220 केवी जीएसएस तक पहुंचेगी।
प्रोजेक्ट डीजीएम आदित्य ढाका ने बताया कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए कार्य 4 दिसंबर 2024 को शुरु हुआ था। शुरुआती अड़चन के बाद एजेंसी ने काम शुरु किया। काम काफी तेजी से शुरु किया गया और मात्र 8 माह में ही इससे बिजली उत्पादन शुरु हो चुका है।
लेटा जीएसएस से जालोर शहर ही नहीं जिले के अन्य हिस्सों में बिजली सप्लाई हो रही है। बिजली के अतिरिक्त लोड की सेटिंग और भविष्य की जरुरत को ध्यान में रखते हुए लेटा जीएसएस को भी अपग्रेड किया जा रहा है। राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम के अंगर्तम इस जीएसएस पर वर्तमान में दो बड़े ट्रांसफार्मर क्रमश: 100 एमवीए और 160 एमवीए मौजूद है। अब भविष्य की जरुरत को ध्यान में रखते हुए 100 एमवीए ट्रांसफार्मर के स्थान पर जल्द ही 200 एमवीए का ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा।
जालोर शहर में बालोतरा, सिरोही और सायला से होकर बिजली जीएसएस तक पहुंचती है। जिले में वर्तमान में 70 लाख यूनिट प्रतिदिन जरुरत है। शहर में 4 लाख यूनिट प्रतिदिन की जरुरत है। सोलर से 10 लाख यूनिट उपलब्धता से शहरी क्षेत्र और औद्योगिक क्षेत्र में किसी भी स्थिति में बिजली संकट नहीं गहराएगा।
निश्चित तौर पर सोलर एनर्जी बेहतर विकल्प है। जालोर समेत अन्य स्थानों पर स्थापित या निर्माणाधीन सोलर प्रोजेक्ट स्थानीय ही नहीं प्रदेश की डिमांड पूरी करेंगे। ओवरलोड की स्थिति में स्थानीय स्तर पर जीएसएस को मिलने वाली बिजली से समस्या का समाधान हो पाएगा।
-मादाराम मेघवाल, एसई, डिस्कॉम, जालोर