Rajasthan News: ग्रामीणों का कहना है कि थ्री फेज लाइन नहीं होने से वॉल्टेज की समस्या रहती है। सिंगल फेज पर लोड अधिक रहता है और वॉल्टेज के उतार चढ़ाव से विद्युत उपकरण जलने की समस्या रहती है।
Rajasthan News: डिस्कॉम के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा ओटवाला व खरल के ग्रामीण भुगत रहे हैं। दोनों गांवों की आबादी 10 हजार के करीब है और ये सायला उपखंड के महत्वपूर्ण गांव हैं, लेकिन इसके बावजूद आज तक यहां थ्री फेज कनेक्शन तक मुहैया नहीं है। खास बात यह है कि आस पास में इससे कम आबादी वाले गांवों में थ्री फेज लाइन है और कनेक्शन भी है, जबकि इन गांवों में थ्री फेज कनेक्शन नहीं होने से गर्मी के मौसम में उपभोक्ताओं को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
वहीं जो युवा और व्यापारी स्थानीय स्तर पर उद्योग धंधे स्थापित भी करना चाह रहे हैं। उनके लिए यह एक बड़ी समस्या है। वर्तमान में गर्मी का मौसम होने से सिंगल फेज पर बहुत ज्यादा लोड रहता है और घरेलू उपकरण भी जल रहे हैं। इधर, वॉल्टेज की समस्या से आटा चक्की तक व्यवस्थित नहीं चल पाती है। वर्तमान में प्रवासियों की आवाजाही अधिक है। हालात विकट है और वॉल्टेज की समस्या से एसी और कूलर तक नहीं चल पा रहे। ग्रामीण बाबूलाल सोनी का कहना है कि थ्री फेज लाइन नहीं होने से वॉल्टेज की समस्या रहती है। सिंगल फेज पर लोड अधिक रहता है और वॉल्टेज के उतार चढ़ाव से विद्युत उपकरण जलने की समस्या रहती है। गर्मी के मौसम में तो परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। आटा चक्की संचालक वागाराम सुथार का कहना है कि कृषि कनेक्शन पर आटा चक्की चलाते हैं, लेकिन कृषि कनेक्शन में बिजली आपूर्ति कम मिलती है।
हम लोग परिवार के साथ एक साल में चार से पांच बार गांव आते है, लेकिन बिजली आपूर्ति के दौरान वॉल्टेज की समस्या से परेशानी होती है। ओटवाला गांव में थ्री फेज कनेक्शन होने चाहिए, ताकि समस्या से निजात मिल सके।
वर्तमान में ओटवाला एवं खरल में वॉल्टेज की समस्या है। थ्री फेज लाइन के लिए डिस्कॉम में फाइल लगाई गए हैं। गुजारिश की गई है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए।
ओटवाला को आबादी स्कीम में नहीं जोड़ा था। अभी आरडीएसएस स्कीम आई है तो उसके अन्दर जोड़ा जाएगा।
पूर्व सरपंच खेरुना बानू ने 2019 में ओटवाला एवं खरल को थ्री फेज लाइन से जोड़ने को लेकर डिस्कॉम में फ़ाइल भी लगाई थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों के फेर बदल के चक्कर में मामला कागजों में ही दफन हो गया। अब स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों की ओर से प्रयास किए गए है, लेकिन डिस्कॉम के अधिकारी उनकी समस्या नहीं सुन रहे।