जांजगीर चंपा

CGPSC Success Story: दो बार फेल, फिर भी नहीं हारी हिम्मत… CGPSC में चमके जांजगीर-चांपा के युवा, जानें कौन सी रैंक हासिल की?

CGPSC Success Story: CGPSC की परीक्षा में इस बार जांजगीर-चांपा के दो युवाओं ने अपनी मेहनत और जिद के दम पर शानदार सफलता हासिल की है। 6 लाख की जॉब छोड़ने से लेकर दो बार असफल होने तक की चुनौतियों से गुजरने के बाद दोनों ने हार नहीं मानी और अंतत: बेहतरीन रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है।

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दो युवाओं की प्रेरक कहानी (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CGPSC Success Story: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) में जांजगीर- चांपा जिले के दो युवाओं ने बेहतर प्रदर्शन कर शहर का नाम रोशन किया है। शहर के सिद्धांत दुबे 25वीं रैंक हासिल कर उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) पद पर चयनित हुए हैं।

वहीं रंतीदेव राठौर ने सीजीपीएससी में 38वीं रैंक हासिल कर नायब तहसीलदार बनने में सफलता हासिल की है। दोनों की सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। उन्होंने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि सफलता का मूल मंत्र लगातार मेहनत और आत्मविश्वास है।

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CGPSC Success Story: दृढ़ संकल्प, निरंतर मेहनत से हर लक्ष्य संभव

शहर के युवा सिद्धांत दुबे ने सीजीपीएससी में सफलता का इतिहास रचा। ओवरआल 25वीं रैंक हासिल कर डीएसपी पद पर चयन हुआ है। उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प और निरंतर मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। वे जांजगीर निवासी गणेश चंद दुबे और शैलबाला दुबे के सुपुत्र हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय चिस्दा में हुई। फिर देश के प्रतिष्ठित संस्थान एनआईटी कुरुक्षेत्र, हरियाणा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि हासिल की।

शतरंज खेलने के शौकीन सिद्धांत दुबे इससे पूर्व भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। असिस्टेंट डायरेक्टर (इंडस्ट्रीज-एडीआई) परीक्षा में पूरे छत्तीसगढ़ में प्रथम स्थान हासिल किया था। वर्तमान में वह असिस्टेंट डायरेक्टर (इंडस्ट्रीज) के पद पर चयन के बाद जिला बीजापुर में पदस्थ हैं।

6 लाख की जॉब छोड़ी, दो बार असफल हुए पर हार नहीं मानी…

सीजीपीएससी 2024 में ग्राम सरखों वर्तमान नेताजी चौक जांजगीर निवासी रंतीदेव राठौर नायब तहसीलदार के पद पर सलेक्ट हुए हैं। उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए 6 लाख रुपए की सालाना पैकेज वाली जॉब तक छोड़ दी थी। पीएससी 2022 में 217 और 2023 में 145वीं रैंक मिली पर दोनों बार सफल नहीं हुए। फिर भी हार नहीं मानी और तीसरी बार में आखिरकार अपने सपने को पूरा कर लिया।

बता दें, 12वीं में 97 प्रतिशत अंक के साथ वे टॉपटेन में दूसरे नंबर में आए थे। एनआईटी रायपुर से इलेट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया फिर सूरत गुजरात में जेके पेपर लिमिटेड में सीनियर इलेट्रिकल इंजीनियर के पद पर 6 लाख के सालाना पैकेज में जॉब मिल गई पर सीजीपीएससी की तैयारी के लिए जॉब छोड़ दी थी।

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Updated on:
23 Nov 2025 05:01 pm
Published on:
23 Nov 2025 05:00 pm
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