Bilaspur Train Accident Update: प्रिया चंद्रा के पिता अशोक चंद्रा तुषार अपने निजी काम से अपने साथियों के साथ बिलासपुर गया था। अपने काम निपटा कर वापस आ रहा था। तभी जिस जगह ट्रेन में दुर्घटना हुई ठीक उसी के आसपास पिता की कार पंक्चर हो गया।
Bilaspur Train Accident: कहा जाता है कि मौत बुलाती है। बुधवार को छुट्टी होने पर प्रिया अपने घर लौट रही थी, लेकिन मोबाइल के एक मैसेज ने उसकी मौत का पैगाम बनकर आया। दरअसर, प्रिया ट्रेन से अपने घर लौट रही थी। लेकिन अचानक उसके मोबाइल पर मैसेज आया कि उसका एक्जाम है। इस दौरान वह अपनी मां को सूचित की और आनन-फानन में वह फिर चांपा से वापस बिलासपुर के लिए मेमू ट्रेन में लौट गई। वह भीषण ट्रेन हादसे का शिकार हो गई।
प्रिया चंद्रा के पिता अशोक चंद्रा तुषार अपने निजी काम से अपने साथियों के साथ बिलासपुर गया था। अपने काम निपटा कर वापस आ रहा था। तभी जिस जगह ट्रेन में दुर्घटना हुई ठीक उसी के आसपास पिता की कार पंक्चर हो गया। वह ओवरब्रिज पर चढ़कर टकराए ट्रेन को देख रहा था। उसे क्या पता था कि जिस बेटी को बढ़ते हुए अपने जिस आंखों से देखा है आज उसी को आखिरी बार तड़पते हुए देखना पड़ा।
पिता ने कहा कि मैं अपनी गाड़ी बनवा कर देर शाम को घर आया घर के लोगों ने बताया कि हमारी बेटी घर आ रही थी लेकिन अचानक परीक्षा की बात सुनकर वह चांपा स्टेशन से वापसी के लिए ट्रेन बैठ गई है। इस बात को सुन कर पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। क्यों कि पिता ने ट्रेन हादसा अपनी आंखों से देखा था। पिता ने बिना देरी किए बिलासपुर अपनी लाडली का पता लगाने के लिए निकला पड़े। जैजैपुर क्षेत्र के बहेराडीह की रहने वाली प्रिया ट्रेन हादसे का शिकार हो गई। वह केंद्रीय विश्वविद्यालय में बीएससी फाइनल ईयर की पढ़ाई कर अपने उज्जवल भविष्य की सपने संजो रही थी।
पिता को जब पता चला कि बेटी ट्रेन से वापस बिलासपुर की ओर निकल गई है। तब उनकी जानकारी लेने के लिए अपनी बेटी के नंबर में फोन के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश किया। लेकिन घंटी बजती रही और किसी ने फोन नई उठाया। पिता अपने नम आंखों से वापस अपने परिजनों से संपर्क कर किसी अनहोनी होने की आशंका जताते हुए बात किया, तभी मोबाइल नंबर को जब बिलासपुर रेलवे पुलिस द्वारा ट्रेस किया गया तब पता चला कि प्रिया उसी टकराए हुए ट्रेन के अंदर मौजूद है। इस बात की जानकारी जैसे ही पिता को लगी पिता के होश उड़ गए और अपने बेटी की एक झलक पाने खोजने में लग गए।
अपने घर की बड़ी और लाडली बेटी जिसके आने से घर में खुशियां गूंजती थी लेकिन जब मां को पता चला कि उसकी लाडली अब कभी लौट कर वापस नहीं आएगी सुनकर बेसुध थी। जब घर पहुंची लाश तो बेहोश हो गई। मां होश में आने पर बराबर अपने कलेजे के टुकड़े को सहलाती और चूमती रही।