LPG Gas Cylinder: जानकारों के पास सिलेंडर से गैस निकालने के लिए हाईटेक उपकरण होते हैं। पहले नोजल के कवर को निकालते हैं। फिर एक से दो किलो गैस निकालने...
LPG Gas Cylinder: छत्तीसगढ़ में गैस की कालाबाजारी से उपभोक्ता छले जा रहे हैं। 30 मिलो के सिलेंडर में उपभोक्ताओं को मात्र 27 से 28 किलो गैस ही मिल रहा है। इसे देखने वाला कोई नहीं है। न तो गैस कंपनी को सरोकार है और न ही एजेंसी संचालकों को इससे मतलब है। ऐसे में उपभोक्ता ठगी के शिकार हो रहे हैं।
जांजगीर-चांपा में कुछ इसी तरह की शिकायत शुक्रवार को सामने आई। जब गृहिणियों के रसोई में बहुत जल्द सिलेंडर से गैस समाप्त हुआ। ऐसे में महिलाओं ने जब नए सिलेंडर की तौल की तो नतीजा चौकाने वाला निकला। टंकी समेत 30 किलो के सिलेंडर में गैस समेत वजन किया तो तौल में कांटा 27 किलो गैस बता रहा है। पड़ोस में रहने वाली महिलाओं ने आपस में सिलेंडर की तौल की तो सभी का यही हाल रहा। इसमें बड़ी बात यह है कि या तो गैस एजेंसी के संचालक काटामारी कर रहे हैं या फिर घरों में गैस सिलेंडर की सप्लाई करने वाला हॉकर। इस संबंध में जब पत्रिका ने एचपी गैस एजेंसी के हॉकर से बात की तो उसका कहना था कि एजेंसी से हमें जैसा सिलेंडर दिया जाता है उसी हिसाब से वितरण करते हैं। इसमें हमारा कोई कसूर नहीं है। वहीं एजेंसी संचालक का कहना है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी हमारे यहां से नहीं हो सकती।
दो साल पहले फूड अफसरों ने हरियाली हैरिटेज के पीछे एक घर से बड़ी तादात में खाली व भरा सिलेंडर जब्त किया था। इसके अलावा रिफिलिंग से अदला-बदली करने की मशीन भी जब्त की थी। पुलिस ने एक हॉकर के खिलाफ धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज कर जेल दाखिल किया था। उस वक्त इंडेन गैस एजेंसी में कालाबाजारी की शिकायत आई थी।
सूत्रों की माने तो इसके जानकारों के पास सिलेंडर से गैस निकालने के लिए हाईटेक उपकरण होते हैं। पहले नोजल के कवर को निकालते हैं। फिर एक से दो किलो गैस निकालने के बाद फिर जस के तस नीले रंग के कवर को पुन: पैक कर देते हैं। जितनी गैस को निकालते हैं उसे खाली सिलेंडर में भरकर नए सिरे से पैक कर देते हैं। इससे उन्हें फिर से एक नया सिलेंडर तैयार हो जाता है।
नियम के तहत इन दिनों एचपी गैस की टंकी 31 किलो की आ रही है। जिसमें 16 किलो टंकी का वजन तो 15 किलो गैस होनी चाहिए। लेकिन टंकी का वजन करने पर 27 किलो ही वजन उतर रहा है। शहर में एक दिन में 500 सिलेंडर की खपत होती है। यदि आधे सिलेंडर में भी काला बाजारी की गई हो 250 सिलेंडर से 500 किलो गैस की कालाबाजारी हो रही है। 500 किलो यानी 30 से 35 टंकी की कालाबाजारी हो रही है।
केरा रोड वार्ड नंबर 22 निवासी एचएन दिवाकर ने बताया कि उसके घर में एक सिलेंडर 30 दिन तक चलता है। लेकिन बीते दो तीन माह से यही सिलेंडर 20 से 25 दिन में ही खत्म हो जा रहा है। शुक्रवार को जब सिलेंडर लेकर हॉकर आया तो सिलेंडर की तौल कराई गई। तब उक्त सिलेंडर में 27 किलो ही गैस सहित सिलेंडर का तौल निकला।
केरा रोड के निर्मला के घर सिलेंडर की आपूर्ति करने हॉकर पहुंचा। निर्मला ने गैस की तौल कराई तो 27 किलो 900 ग्राम गैस निकला। गैस एजेंसी के हाकर से बात की गई तो उसने कहा कि एजेंसी से जैसी टंकी दी जाती है वैसे हम सप्लाई करते हैं। इस संबंध में जब गैस एजेंसी के संचालक विजय अग्रवाल से बात की गई तो उसका कहना था कि वह अभी केदारनाथ की यात्रा में है।