जांजगीर चंपा

पिस्सुओं के काटने से फैल रही खतरनाक बीमारी, 15 मरीज पॉजिटिव, लोगों दहशत में…

Scrub Typhus: हालांकि अभी की स्थिति में 3 मरीज की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि पिछले साल स्क्रब टायफस से जिले में 10 लोगों की मौत हुई थी। यह बरसात में फैलने वाली बीमारी है।

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स्क्रब टायफस ने पसारे पांव (Photo source- Patrika)

Scrub Typhus: जिले में संक्रामक बीमारियां पांव पसार रही है। माह भर में चांपा के एक निजी क्लीनिक में 15 स्क्रब टायफस मरीज की पुष्टि हुई है। जिसमें कई मरीज में लीवर, किडनी फेल होने व मस्तिष्क ज्वर की समस्या सामने आई है। अभी चार मरीज गंभीर स्थिति में भर्ती है, जिनका इलाज चल रहा है। वहीं शनिवार को एक स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि भी हुई है। जिसका क्रेटिकल केयर यूनिट में गंभीर स्थिति में इलाज चल रहा है।

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15 पीड़ितों की रैपिड एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव

यह केवल एक क्लीनिक की बात है, अन्य क्लीनिक में भी ऐसे लक्षण वाले मरीज पहुंच रहे हैं, लेकिन जांच के अभाव में इलाज नहीं होने से असमय मौत भी हो जा रही है। जिले में स्क्रब टायफस तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही हेपेटाइटिस-ए के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। चांपा के एक निजी क्लीनिक में 15 स्क्रब टायफस के माह भर में आ चुके हैं। इसमें अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र के मरीज शामिल हैं। यह बीमारी घुन के काटने से फैलती है। 15 पीड़ितों की रैपिड एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इलाज के बाद स्वास्थ्य में सुधार बताया जा रहा है।

हालांकि अभी की स्थिति में 3 मरीज की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि पिछले साल स्क्रब टायफस से जिले में 10 लोगों की मौत हुई थी। यह बरसात में फैलने वाली बीमारी है। पिछले दिनों बारिश नहीं हो रही थी अब बारिश होते ही फिर बीमारी बढ़ रही है।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

तेज बुखार होना

खांसी आना

गले में तकलीफ होना

शरीर में दर्द होना

सिर दर्द व कंपकंपी महसूस होना

कमजोरी का अहसास

स्क्रब टायफस, स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा जिला अस्पताल में नहीं….

15 ओपीडी वाले चांपा के एक निजी क्लिनीक में माह भर में 15 स्क्रब टायफस के मरीज मिल चुके हैं। यह स्क्रब टायफस डेंगू, मलेरिया, निमोनिया से भी खतरनाक बीमारी है। एक स्वाइन फ्लू के मरीज भी सामने आ चुके हैं। लेकिन हर रोज 500 ओपीडी वाले जिला अस्पताल में एक भी मरीज सामने नहीं आया है। इसका मतलब है कि यहां जांच ही नहीं हो रही है।

वायरल फीवर जैसी होती है यह बीमारी

यहां आरटीपीसीआर लैब तो है लेकिन स्क्रब टायफस, स्वाइन के संदिग्ध मरीजों का टेस्ट की सुविधा नहीं है। ऐसे में समझा जा सकता है कि यहां पता कैसे चलेगा की कौन से बीमारी है। ऐसे मेें जांच के अभाव में बीमारी से मौत हो जा रही है। अगर जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया मरीज की संख्या में इजाफा व मौत को रोका नहीं सकता है। जबकि ऐसे संदिग्ध मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है। जिला अस्पताल में ज्यादा बुखार होने की स्थिति में अन्य निजी अस्पताल में रेफर कर दिए जा रहे हैं।

स्क्रब टायफस एनीमल ऑरिएंटेड बीमारी है। चूहे, कुत्ते, बिल्ली सहित अन्य जानवरों में पाए जाने वाले पिस्सुओं के काटने से फैलती है। इसमें तेज ठंड के साथ बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, शरीर में लाल रंग के धब्बे आ जाते हैं। स्क्रब टायफस सामान्य तौर पर वायरल फीवर जैसी होती है लेकिन यह इलाज में देरी से शरीर के सभी अंगों को प्रभावित कर देती है। निमोनिया, एंटोफलाइटिस हो जाती है, इससे मौत भी हो जाती है।

हाथ व पैर को अच्छे ढंककर रखे

शहबाज खांडा, मेडिसिन विशेषज्ञ, चांपा: पिछले साल जिले में स्क्रब टायफस से 10 लोगों की मौत हुई थी। इस साल फिर से तेजी से स्क्रब टायफस के मरीज बढ़ रहे है। इसकी शुरूआत बुखार और शरीर पर चकते पड़ने से होती है। आगे चलकर इससे नर्वस सिस्टम, हार्ट व लीवर को डेमेज करता है। इस बुखार से पीड़ित को निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर, ऑर्गन फेलियर व इंटरनल का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए आसपास घास या झाड़ियां न उगने दें। हमेशा साफ और फुल कपड़े पहने। आसपास जलभाव न होने दे। खेतों में काम करने से हाथ व पैर को अच्छे ढंककर रखे।

लक्षण… तेज बुखार के साथ शरीर हो जाता है गर्म

स्क्रब टायफस ऐसी बीमारी है जिसमें तेज बुखार के साथ शरीर गर्म हो जाता है और बुखार कम नहीं होता, ऐसी स्थिति में मरीजों की 10 दिनों में मौत होने की संभावना रहती है, वजह परिजन समझ नहीं पाते। चांपा के निजी अस्पताल में माह भर में 15 स्क्रम टायफस पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इसमें से १० मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके है। बाकी 5 मरीज गंभीर स्थिति में है।

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Published on:
07 Sept 2025 01:42 pm
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