MP News: मध्यप्रदेश में भक्तों की आस्था ने रचा अनोखा इतिहास। चिंतामन गणेश मंदिर में 40 किलो चांदी से तैयार हुआ भव्य आभा मंडल, भक्तों के सहयोग से मंदिर नई पहचान बना रहा।
MP News: मुंबई के सिद्धि विनायक गणेश मंदिर की तरह झाबुआ के थांदला गेट स्थित चिंतामन गणेश मंदिर (Chintaman Ganesh) में भी भव्य आभा मंडल (silver abha mandal) है। इसके निर्माण में 40 किलोग्राम चांदी का उपयोग किया गया है। यह सारा कार्य भक्तों के सहयोग से पूर्ण हुआ। वर्तमान में चिंतामन गणेश मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र है। मंदिर के निर्माण की भी अपना अनूठी कहानी है।
चिंतामन गणेश के भक्त निर्मल आचार्य और राजेंद्र जैन (शुभम) बताते हैं कि वर्तमान में जहां भगवान का भव्य मंदिर है। वहां वर्ष 1996 में मिट्टी की प्रतिमा विराजित की गई थी। सात सालों तक यही प्रतिमा स्थापित रही। तब तक भगवान टीन शेड में विराजित थे। ऐसे में भक्तो ने मंदिर निर्माण का निर्णय लिया। इसके लिए लकी ड्रॉ भी किया गया। जितनी राशि जमा हुई उससे मंदिर का निर्माण कर 11 मई 2005 को अक्षय तृतीया के दिन चिंतामन गणेश के साथ माता रिद्धि-सिद्धि की स्थापना की गई।
मंदिर समिति से जुड़े संजय कांठी, अशोक शर्मा, अजय रामावत, निर्मल आचार्य, नितिन साकी, संदीप राजरतन, हरीश शाह लाला भाई, राजेंद्र जैन (शुभम) आदि ने बताया लंबे समय से हम विचार कर रहे ये कि भगवान के आभा मंडल को पूरी तरह चांदी से निर्मित किया जाए। जब एस्टीमेट बनाया तो पता चला कि इसके लिए लगभग 40 किलो चांदी लगेगी। यह पूरी चांदी भक्तों के सहयोग से जुटाई है। इसके बाद आभा मंडल तैयार करने में साढ़े चार लाख रुपए की लकड़ी और 4 लाख रुपए मजदूरी लगी। आज यह मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र है। यहां गणेश उत्सव के साथ ही आम दिनों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
मंदिर के पुजारी मनोज सारोलकर ने बताया आभा मंडल तैयार होने के बाद अब मंदिर में जल्द ही भगवान गणेश के पुत्र शुभ-लाभ की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए योजना बनाई जा रही है।