झालावाड़

हब-स्पॉक मॉडल: राजस्थान के गांवों- कस्बों के लिए आई खुशखबरी, अब घर बैठे मिलेंगी जांच रिपोर्ट

राजस्थान में भी यह मॉडल लागू किया जा रहा है ताकि गांव-कस्बों तक रोगियों को जांच की समुचित सुविधाएं सुगमता से उपलब्ध हों। योजना के तहत झालावाड़ जिले में 32 चिकित्सा संस्थानों पर ये सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी।

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फोटो: पत्रिका

राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ और सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब प्रदेश के गांवों और कस्बों तक भी शहर जैसी अत्याधुनिक जांच सुविधाएं पहुंचेंगी। इसके लिए हब एवं स्पॉक मॉडल को अपनाते हुए एक व्यापक योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत पूरे प्रदेश में जांच सेवाओं को एक नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा जाएगा।

योजना के तहत झालावाड़ जिले में 32 चिकित्सा संस्थानों पर ये सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि नि:शुल्क जांच सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार की ओर से हब एवं स्पॉक मॉडल अपनाने की पहल की गई है। इसी क्रम में राजस्थान में भी यह मॉडल लागू किया जा रहा है ताकि गांव-कस्बों तक रोगियों को जांच की समुचित सुविधाएं सुगमता से उपलब्ध हों। यह मॉडल लागू होने से चिकित्सा संस्थानों में जांचों की संख्या में वृद्धि होगी एवं जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के समय में भी कमी आएगी।

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सारे काम कंपनी द्वारा किए जाएंगे

सेवा प्रदाता द्वारा सभी लैब्स में यूएसएफडीए और यूरोपियन सीई सर्टिफाइड उपकरण लगाए जाएंगे। रिएजेंट्स, कंज्यूमेबल्स और मानव संसाधन भी वही उपलब्ध कराएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि मरीजों को अब रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि रिपोर्टें ऑनलाइन घर बैठे उपलब्ध कराई जाएंगी।

नई व्यवस्था के तहत प्रदेश में ऐसे मिलेंगी सुविधाएं

मदर लैब - 42

हब लैब- 135

स्पॉक्स स्पॉक्स (सैटेलाइट सेंटर) - 1335

जिले में इन संस्थानों में मिलेंगी सुविधाएं

राजकीय उप जिला चिकित्सालय पिड़ावा,सेटेलाइट अस्पताल अकलेरा, सीएचसी बकानी, मनोहरथाना, भवानीमंडी,खानपुर, पनवाड़, सारोला कलां, असनावर, रटलाई, ढाबला खींची, रायपुर, चौमहला, पीएचसी हरीगढ़, तारज, मंडावर, पचपहाड, दुर्गपुरा, रीछवा, कामखेड़ा, रवांस्या,जावर, मिश्रोली, कुंडला, गंगधार,मोरेली, थनावद,भालता, पचौला, सरड़ा, गेहूंखेडी में स्पॉक लैब की सुविधा ग्रामीणों को मिलेंगी।

झालावाड़ में 32 संस्थान पर मिलेगी सुविधा

मदर लैब में 145 प्रकार की जांचें इन-हाउस की जाएंगी, जबकि हब लैब और स्पॉक्स में भी कई जांचें स्थानीय स्तर पर होंगी और बाकी सैंपल मदर लैब तक भेजे जाएंगे। इससे जांच रिपोर्ट की सटीकता के साथ-साथ समयबद्धता भी सुनिश्चित होगी। इस मॉडल के माध्यम से जिला चिकित्सालयों में 145, उप जिला और सैटेलाइट अस्पतालों में 117, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 101 तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और डिस्पेंसरियों में 66 प्रकार की जांचें उपलब्ध करवाई जाएंगी। सभी सेवाएं आउटसोर्स मोड पर संचालित होंगी ताकि संचालन में दक्षता और तकनीकी गुणवत्ता बनी रहे। इसके लिए हाल में चिकित्सा मंत्री व प्रमुख शासन सचिव स्तर पर व कंपनियों के बीच एमओयू हस्ताक्षर हो चुके हैं।

योजना का क्रियान्वयन प्रदेश स्तर से हो रहा है। इसमें कार्मिक लगाने से लेकर उपकरण आदि उपलब्ध करवाने का काम सेवा प्रदाता कंपनी का ही होगा। कर्मचारियों का भुगतान भी संबंधित कंपनी द्वारा ही किया जाएगा। सरकार का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयोगशालाओं खोलकर अत्याधुनिक जांच सुविधाएं उपलब्ध करवाना योजना का मकसद स्वागत योग्य कदम है। योजना के तहत जांच के बाद मरीजों की रिपोर्ट ऑनलाइन घर बैठे उपलब्ध कराई जाएंगी, इससे मरीजों को दो बार चिकित्सा संस्थान पर आने की जरुरत नहीं होगी। जिले में जल्द ये सुविधा 32 संस्थानों पर शुरू होंगी।

डॉ साजिद खान , सीएमएचओ, झालावाड़।

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Published on:
09 Nov 2025 02:38 pm
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