दस दिन पहले अस्पताल में जन्मी जिस बेटी को गोद में लेकर मां-बाप पहली बार गांव टमकोर ला रहे थे, वह रास्ते में ही इस दुनिया से विदा हो गई।
नवलगढ़ (झुंझुनूं)। दस दिन पहले अस्पताल में जन्मी जिस बेटी को गोद में लेकर मां-बाप पहली बार गांव टमकोर ला रहे थे, वह रास्ते में ही इस दुनिया से विदा हो गई। नवलगढ़-झुंझुनूं स्टेट हाइवे पर हुए दर्दनाक हादसे ने एक परिवार की सारी खुशियां छीन लीं।
मुकुंदगढ़ थानांतर्गत बलरिया मोड़ डूंडलोद गर्ल्स स्कूल के पास शनिवार दोपहर टायर फटने से कार डिवाइडर पार कर डंपर से जा टकराई। हादसे में 10 दिन की नवजात मेविश और उसके ताऊ मोहम्मद मकसूद (47) पुत्र मोहम्मद मनीर निवासी टमकोर हाल विद्याधर नगर जयपुर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बच्ची मेविश की मां खेरूनिशा (30) और पिता इकरामुदीन (32) गंभीर रूप से घायल हो गए।
परिजनों ने बताया कि 27 नवंबर को जयपुर में ऑपरेशन के बाद मेविश का जन्म हुआ था। बेटी के जन्म की खुशी में परिवार ने मिठाइयां बांटी थीं, घर में तैयारियां चल रही थीं कि बहू और नवजात को कब गांव लाया जाए। इकरामुदीन कुछ दिन जयपुर में अपने बड़े भाई मोहम्मद मकसूद के पास रुका। शनिवार को जब परिवार गांव लौट रहा था, सबके चेहरे पर खुशी थी लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह सफर अंतिम बन जाएगा।
चालक रसीद ने बताया कि वह अपने 2 मामा व मामी को उनके बच्चे सहित टमकोर छोडऩे जा रहा था। चलती कार का टायर फट गया। कार नियंत्रण से बाहर होकर डिवाइडर पार कर दूसरी दिशा में चली गई और सामने से आ रहे डंपर से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए।
हादसे के बाद राहगीरों ने किसी तरह सभी को बाहर निकाला और एंबुलेंस से नवलगढ़ जिला अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने मासूम मेविश और उसके ताऊ मोहम्मद मकसूद को मृत घोषित कर दिया।
डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि खेरूनिशा और इकरामुद्दीन के सिर में गंभीर चोटें हैं। इकरामुदीन के दाहिने हाथ और पैर में बड़े फ्रैक्चर हैं। दोनों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है। हादसे में चालक रसीद सुरक्षित बच गया।
टमकोर गांव में जहां बेटी के स्वागत की तैयारी थी, वहां हादसे की खबर पहुंचते ही मातम छा गया। लोगों की आंखें नम हैं। एक ओर नवजात की अर्थी उठी, तो दूसरी ओर उसके ताऊ की भी साथ-साथ अंतिम यात्रा निकली। गांव में हर कोई यही कह रहा है कि जिस बेटी को गोद में लेकर घर आना था, वह अब कभी लौटकर नहीं आएगी…।