झुंझुनूं। शहर में स्थित प्रसिद्ध हजरत कमरूद्दीन शाह की दरगाह पर इस बार भी दिवाली का पर्व मनाया गया। नगर परिषद झुंझुनूं के पूर्व सभापति खालिद हुसैन ने बताया कि यह परंपरा पिछले कई वर्षों से चल रही है, जिसका उद्देश्य समाज में प्रेम, शांति और भाईचारा बढ़ाना है।
झुंझुनूं। शहर में स्थित प्रसिद्ध हजरत कमरूद्दीन शाह की दरगाह पर इस बार भी दिवाली का पर्व मनाया गया। इस अवसर ने एक बार फिर जिले में गंगा-जमुनी तहज़ीब और आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की।
दरगाह परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी और दीपों से सजाया गया। दरगाह के गद्दीनशीन एजाज नबी ने बताया कि कई साल पुरानी यह परम्परा अपनापन व प्रेम बढ़ाती है। इस दौरान दीपक प्रज्जवलित किए गए। दिवाली के कार्यक्रम में महिला, बच्चे, युवा व बड़े भी शामिल हुए।
दरगाह के निकट रहने वाले नगर परिषद झुंझुनूं के पूर्व सभापति खालिद हुसैन ने बताया कि यह परंपरा पिछले कई वर्षों से चल रही है, जिसका उद्देश्य समाज में प्रेम, शांति और भाईचारा बढ़ाना है।
दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है। शेखावाटी क्षेत्र के झुंझुनूं की यह अनूठी दिवाली एक बार फिर साबित करती है कि जब दिल मिलते हैं तो त्योहार मजहब की दीवारों को पार कर जाते हैं।
नाथ सम्प्रदाय के महंत चंचलनाथ व कमरुद्दीन शाह की दोस्त की मिसाल पूरे शेखावाटी ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में दी जाती है। दोनों अजीज मित्र हुए हैं। दोनों की यादों को बनाए रखने के लिए आज भी दरगाह के सालाना उर्स में चंचलनाथ टीले के महंत अतिथि होते हैं और चंचलनाथ टीले पर होने वाले कार्यक्रम में दरगाह के गद्दीनशीन खास मेहमान होते हैं।