Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुरवाटी थाना क्षेत्र के गिरावड़ी गांव में करीब 94 बीघा जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच चल रहे विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।
Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुरवाटी थाना क्षेत्र के गिरावड़ी गांव में करीब 94 बीघा जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच चल रहे विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। जिसके बाद एक पक्ष ने पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की अगुवाई में उदयपुरवाटी पुलिस थाने का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और प्रशासन पर एक पक्ष के साथ मिलीभगत और जबरन कब्जा कराने का गंभीर आरोप लगाया।
जानकारी के अनुसार, गिरावड़ी गांव में 94 बीघा जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। एक पक्ष का दावा है कि इस जमीन पर उनका 40 साल से कब्जा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से दूसरे पक्ष ने उनका नामांतरण रद्द करवाकर पूरी जमीन बेच दी।
इस मामले में एक सप्ताह पहले एक पक्ष ने उदयपुरवाटी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। रविवार रात को पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच जोरदार झड़प हुई, जिसके बाद मामला और तूल पकड़ गया।
प्रदर्शन में शामिल पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस गरीब ब्राह्मणों के साथ ज्यादती कर रही है। उदयपुरवाटी थाना प्रभारी एक पक्ष के साथ मिलकर जबरन जमीन पर कब्जा कराने की कोशिश कर रहे हैं। यह अन्याय किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, तब पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
उनका आरोप है कि पुलिस ने एक पक्ष का कब्जा हटाकर दूसरे पक्ष को जमीन पर कब्जा दिलाने का प्रयास किया, जिसके विरोध में यह प्रदर्शन आयोजित किया गया।
विवाद के बाद रविवार को पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों के पांच लोगों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया। इनमें एक पक्ष से किशनलाल, अमित और अतुल, जबकि दूसरे पक्ष से राजवीर और बलवीर शामिल हैं। थाने पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और दोनों पक्षों के समर्थक थाने के बाहर जमा हो गए, जिसके कारण क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है।
उदयपुरवाटी थाना प्रभारी कस्तूर वर्मा ने प्रदर्शनकारियों के आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया। उन्होंने कहा कि थाने में एक पक्ष की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच के लिए पुलिस मौके पर गई थी। कब्जा कराने या किसी पक्ष के साथ भेदभाव करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। पुलिस निष्पक्ष होकर अपनी ड्यूटी निभा रही है।