सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग से यौन शोषण मामले में आसाराम को मिली अंतरिम जमानत रद्द करने की पीड़िता की याचिका खारिज कर दी है।
जोधपुर। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नाबालिग के साथ यौन शोषण मामले में आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से दी गई अंतरिम जमानत को खारिज करने की पीड़िता की याचिका नामंजूर कर दी। कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट से 2018 से लंबित आसाराम की अपील को तीन महीने में निर्णित करने का आग्रह किया है।
न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा व न्यायाधीश एएस चंदूरकर की खंडपीठ के सामने पीड़िता की ओर से कहा गया कि गंभीर आरोपों के बावजूद हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत बढ़ाई। चिकित्सकीय आधार पर पूर्व में दी गई अंतरिम जमानत के दौरान भी आसाराम ने सार्वजनिक कार्यक्रम किए, जो जमानत की शर्तों का उल्लंघन था।
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आसाराम की ओर से अधिवक्ता देवदत्त कामथ ने याचिका का विरोध किया, जबकि राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पीड़िता की आपत्तियों का समर्थन किया। हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को आसाराम की अंतरिम जमानत छह महीने के लिए बढ़ाई थी और 2018 में दी गई सजा पर अस्थाई रोक लगा दी थी।