Rajasthan Cricket Association : राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी के संयोजक दीनदयाल कुमावत का बड़ा कदम। दीनदयाल कुमावत ने धनंजय सिंह खींवसर की अध्यक्षता वाले जोधपुर जिला क्रिकेट संघ (डीसीए) की मान्यता रद्द करने की घोषणा की।
Rajasthan Cricket Association : राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी के संयोजक दीनदयाल कुमावत ने धनंजय सिंह खींवसर की अध्यक्षता वाले जोधपुर जिला क्रिकेट संघ (डीसीए) की मान्यता रद्द करने की घोषणा कर दी। वहीं इस मामले को लेकर आरसीए में मचे घमासान के बीच खींवसर ने जिला संघ वैध होने का दावा किया। आरसीए कन्वीनर दीनदयाल कुमावत ने बताया कि लोकपाल में कमेटी के तीन और सदस्यों पर आरसीए संविधान के खिलाफ काम करने की शिकायत है। इसमें प्रतापगढ़ के पिंकेश जैन, अलवर के मोहित यादव और सीकर के आशीष तिवाड़ी शामिल हैं।
कुमावत ने बताया कि आरसीए की वार्षिक साधारण सभा 5 सितंबर 2025 को हुई, जिसमें लोकपाल नियुक्ति का एजेंडा शामिल था। बैठक में सभी ने मुझे लोकपाल नियुक्त करने का अधिकार दिया। इसलिए 12 अक्टूबर की बैठक में पारित प्रस्तावों का औचित्य नहीं है।
कुमावत ने बताया कि धनंजय सिंह नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहते जोधपुर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बन गए, जो नियम विरूद्ध है। आरसीए रिकॉर्ड के मुताबिक जोधपुर जिला क्रिकेट संघ की प्राथमिक इकाई में धनंजय सिंह न सदस्य हैं, न निर्वाचित पदाधिकारी। इसी आधार पर जोधपुर जिला क्रिकेट संघ की सदस्यता को निरस्त कर मामला लोकपाल को भेज दिया।
कुमावत ने बताया कि रविवार को एडहॉक कमेटी के चार सदस्यों की ओर से बिना जानकारी बुलाई गई बैठक अवैध है। ऐसे में इसमें पारित प्रस्ताव शून्य, आधारहीन और प्रभावहीन हैं। राजस्थान खेल अधिनियम और आरसीए संविधान के अनुसार बैठक बुलाने का अधिकार केवल संयोजक या अध्यक्ष के पास है।
डीसीए अध्यक्ष धनंजय सिंह खींवसर ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मैं आज भी एडहॉक समिति सदस्य हूं। संयोजक दीनदयाल कुमावत के गलत निर्णयों और भ्रष्टाचारपूर्ण कार्यप्रणाली के विरुद्ध चार सदस्य पहले ही आपत्ति दर्ज करा चुके। ऐसे में जोधपुर डीसीए की मान्यता रद्द करने की घोषणा अवैधानिक व राजनीति से प्रेरित है।