
Rajasthan Cricket Association : राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा है। अब आरसीए एडहॉक कमेटी संयोजक डीडी कुमावत विवादों में घिर गए है। उनके अब तक लिए गए सभी फैसलों को निरस्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं अब एडहॉक कमेटी में दो फाड़ हो गई है। एक और जहां कमेटी के चार सदस्य एक साथ हैं, वहीं संयोजक दीनदयाल कुमावत अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। कमेटी के सदस्यों ने संयोजक डीडी कुमावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सूत्रों के मुताबिक, कमेटी के सदस्यों धनंजय सिंह, पिंकेश जैन, मोहित यादव और आशीष तिवारी ने डीडी कुमावत के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया है।
इन सभी सदस्यों ने आरोप लगाया है कि कुमावत कमेटी में स्वयंभू हो रहे हैं, वह ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे मानो आरसीए का सारा भार उनके कंधों पर ही है जबकि सरकार की ओर से पांच सदस्य कमेटी का गठन किया गया है। जिसका कार्य राजस्थान में क्रिकेट का संचालन, राजस्थान में क्रिकेट का संचालन करना और समय अनुसार राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव संपादित करवाना है, लेकिन दीनदयाल अपनी मनमर्जी से जो चाहे वह फैसला कर रहे हैं। उन फैसलों की जानकारी कई बार तो कमेटी को होती ही नहीं है और अगर होती भी है तो उसकी राय कमेटी से नहीं ली जाती है वह अपने स्तर पर ही
नियुक्तियां कर रहे हैं।
सदस्यों ने कुमावत की ओर से हाल में लिए गए फैसलों को एकतरफा बताया। इस कड़ी में हाल ही में लोकपाल की नियुक्ति इसका ताजा उदाहरण है। जिसे कुमावत ने अपने स्तर पर ही कर दिया है और कमेटी से इस संबंध में कोई राय नहीं ली। इसके विरोध में हम सभी ने मुख्यमंत्री, खेलमंत्री, सहकारिता मंत्री और संबंधित विभागों को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज करवाया है। समिति के सदस्यों की मनमर्जी के खिलाफ लिए गए फैसले से हम सहमत नहीं है।
कमेटी ने मनमर्जी से लिए सभी फैसलों को बहुमत से निरस्त कर दिया है। मोहित यादव ने बताया कि डीडी कुमावत अपनी मनमर्जी कर रहे है और बिना किसी सर्वसम्मति से निर्णय कर स्वयं ही फैसला कर रहे है जबकि सरकार ने पांच सदस्यों की कमेटी बनाई है। इसलिए हम लोगों ने एक बैठक का आयोजन कर सरकार को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी।
राजस्थान क्रिकेट संघ की एडहॉक कमेटी के संयोजक दीनदयाल कुमावत ने इन विवादों के संबंध में कहा कि कमेटी के चार सदस्यों के लगाए गए आरोप पूर्णतया निराधार हैं। इन सभी सदस्यों की कोई बैठक आहूत नहीं की गई है। इनमें से एक सदस्य पिंकेश जैन तो विदेश में है। एक अलवर में हैं और एक दिल्ली में हैं, तो बैठक कैसे हो सकती है। रही बात ओंबड्समैन के अपॉइंटमेंट की तो 5 सितंबर को आयोजित की गई आरसीए की जनरल बॉडी मीटिंग में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से संयोजक को अधिकृत किया था कि वह लोकपाल की नियुक्ति अपने स्तर पर कर लेवें। रही बात आरसीए की चयन समिति में लिए गए अन्य निर्णय की तो उन बैठकों में भी एडहॉक कमेटी के सभी सदस्य मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मैं किसी दबाव में आकर कोई काम नहीं करूंगा, चाहे इसके लिए मुझे कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
उन्होंने बताया कि ओंबड्समैन की नियुक्ति के अलावा कुमावत ने टीमों के चयन, मिराज स्टेडियम के साथ
एमओयू, आगामी क्रिकेट गतिविधियों सहित विभिन्न फैसलों को निरस्त करने का फैसला किया। मोहित ने कहा कि लोकतंत्र में फैसले एकतरफा नहीं लिए जाते है। इस संबंध में जब धनंजय खींवसर से बात करना चाहा तो उन्होंने कहा कि वे अभी बिजी हैं, बाद में कॉल करते है। जबकि पिंकेश जैन का फोन स्विच ऑफ था। उल्लेखनीय है कि पूर्व एडहॉक कमेटी के संयोजक जयदीप बिहानी ओर अन्य सदस्यों में विवाद के बाद सरकार ने एक वर्ष बाद धनंजय हिसार को छोड़कर सभी सदस्यों को बदलकर डीडी कुमावत की अगुवाई में नई एडहॉक कमेटी का गठन किया था।
Published on:
13 Oct 2025 08:38 am
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