शेरगढ़ क्षेत्र के नरसिंहपुरा गांव में गुरुवार को एक ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया। दो दिन पूर्व हुए दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित कुल पांच लोगों की मृत्यु हो गई।
जोधपुर। शेरगढ़ क्षेत्र के नरसिंहपुरा गांव में गुरुवार को एक ऐसा मंजर देखने को मिला, जिसने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया। दो दिन पूर्व हुए दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित कुल पांच लोगों की मृत्यु हो गई। शुक्रवार को जब एक साथ पांच अर्थियां उठीं, तो हर आंख नम हो गई और पूरा गांव शोक की लहर में डूब गया।
नरसिंहपुरा निवासी पेपाराम, अपनी मां कबू देवी, पत्नी मीरा देवी, दो बेटियां और आठ माह के पुत्र के साथ जडूला करवाने के लिए जसोल स्थित मां के दर्शन के लिए जा रहे थे। उनके साथ स्थानीय भोपाजी रानीदान सिंह भी थे। दर्शन के बाद लौटते समय लूनी नदी की रपट को पार करते हुए वाहन पानी के तेज बहाव में बह गया।
हादसा इतना भीषण था कि पेपाराम की पत्नी मीरा देवी, बेटियां उर्मिला और पूजा की मौके पर ही मृत्यु हो गई। पेपाराम और चालक देवाराम को घायल अवस्था में बचा लिया गया। इसी हादसे में भोपाजी रानीदान सिंह का शव गुरुवार शाम को मिला, जबकि शुक्रवार सुबह एसडीआरएफ टीम को वृद्धा कबू देवी का शव भी मिल गया। पांचों शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके पैतृक गांव नरसिंहपुरा लाया गया, जहां सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया।
इस हादसे में पेपाराम को गंभीर हालत में जोधपुर रेफर किया गया है, जबकि वाहन चालक देवाराम का इलाज बालोतरा अस्पताल में जारी है। आठ माह के मासूम की अब भी तलाश जारी है, जिसे एसडीआरएफ की टीम नदी में खोज रही है। गांव में एक साथ चार अर्थियां उठने से हर आंख में आंसू थे। पेपाराम के घर से चार अर्थियां उठीं, वहीं पास ही रहने वाले भोपाजी रानीदान सिंह का भी अंतिम संस्कार किया गया।
घटना से गांव सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। अंतिम संस्कार के समय प्रधान श्रवण सिंह जोधा, उपप्रधान बाबूराम, पूर्व प्रधान रूपाराम बैरड़, सरपंच किस्तुराराम सोऊ, जसवंत सिंह इंदा, सवाईराम सोऊ, समाजसेवी भंवर सोऊ, अचलाराम सोऊ, देवीलाल फौजी सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।