बिराई गांव में विवाह समारोह में वर पक्ष ने टीका दस्तूरी में रखे गए 5 लाख में से सिर्फ 101 रुपए लेकर समाज में नई मिसाल पेश की।
बिराई। बारात में टीका दस्तूरी के रूप में रखे गए 5 लाख रुपए न लेकर वर पक्ष ने शगुन के रूप में केवल 101 रुपए लेकर समाजहित में अनुकरणीय मिसाल पेश की। कलावास के अखेसिंह सोढ़ा (विजयराज) की पुत्री की शादी थी। बारात उगमसिंह खींची निवासी घड़ाव जोधपुर से आई।
इस अवसर पर वर पक्ष ने समाज में एक सकारात्मक संदेश देने के लिए विशेष कदम उठाया। बारात में टीका दस्तूरी के रूप में 5 लाख रुपए रखे गए, जिसमें से वर पक्ष ने शगुन के रूप में केवल 101 रुपए ही लिए। इसके अतिरिक्त वधू पक्ष की ओर से मांस-मदिरा और गोल टेबल की परंपरा को पूरी तरह से बंद कर समाज में नई सोच को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर किशनसिंह, चैनसिंह, पदमसिंह मैलाणा, दलपतसिंह, अरविंदसिंह सोढ़ा, राजेंद्र सिंह, करणसिंह सहित समाज के कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
गौरतलब है कि इससे पहले पाली शहर में आयोजित एक विवाह समारोह में दूल्हे और उसके परिजनों ने भी समाज के समक्ष नई मिसाल कायम की थी। सुभाष नगर क्षेत्र निवासी पदम सिंह राणावत की भतीजी व हनुमान सिंह राणावत की पुत्री के विवाह में सामुजा आहोर से बारात आई।
दूल्हे जनक सिंह पुत्र नरपत सिंह उदावत को टीके में 2,51,000 रुपए दिए गए। दूल्हे व उसके पिता ने यह राशि वापस दुल्हन पक्ष को लौटा दी। उन्होंने कहा कि उनके लिए दुल्हन ही सबसे बड़ा धन है। इसके बाद वर-वधु पक्ष की ओर से राजपूत शिक्षा कोष में 11-11 हजार रुपए भेंट किए।