सीबीआइ ने 4 मार्च 2016 को सरदारपुरा सैकंडरी बी रोड निवासी तत्कालीन आयकर अधिकारी शैलेन्द्र भण्डारी के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की एफआइआर दर्ज की थी।
जोधपुर। सीबीआइ मामलात की विशेष अदालत ने आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में तत्कालीन आयकर अधिकारी शैलेन्द्र भण्डारी को चार साल के साधारण कारावास व 27 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। सेवानिवृत्त आयकर अधिकारी भण्डारी को एक पखवाड़े पहले ही 15 लाख रुपए रिश्वत लेने पर चार साल की सजा सुनाई गई थी।
सीबीआइ ने 4 मार्च 2016 को सरदारपुरा सैकंडरी बी रोड निवासी तत्कालीन आयकर अधिकारी शैलेन्द्र भण्डारी के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की एफआइआर दर्ज की थी। भण्डारी की एक अप्रेल 2005 से 31 मार्च 2015 के बीच अर्जित सम्पत्तियों की जांच की गई थी। उनकी वैध आय 61 लाख 25 हजार 360 रुपए थी। उन्होंने एक करोड़ 24 लाख 10 हजार 462 रुपए खर्च किए थे।
मूल्यांकन से पहले उनके पास 3 लाख 4 हजार रुपए की सम्पत्ति थी। सीबीआइ निरीक्षक यूके शर्मा ने जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया था। सुनवाई के बाद सीबीआइ मामलात की विशेष अदालत ने तत्कालीन आयकर अधिकारी शैलेन्द्र भण्डारी को दोषी मानकर गुरुवार को चार साल के साधारण कारावास व 27 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सीबीआइ की ओर से लोक अभियोजक भगवान सिंह भंवरिया ने पैरवी की।
बाड़मेर के व्यवसायी किशोर जैन ने मार्च 2015 में सीबीआइ जोधपुर में तत्कालीन आयकर कमिश्नर जोधपुर पवन कुमार शर्मा व आयकर अधिकारी शैलेन्द्र भण्डारी के खिलाफ शिकायत दी थी। फर्म का असेसमेंट बाकी होना बताकर आयकर कमिश्नर ने आयकर अधिकारी शैलेन्द्र भण्डारी के मार्फत 30 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। 23 लाख रुपए पर सहमति बनी थी।
31 मार्च 2015 को व्यवसायी ने 15 लाख रुपए सोजती गेट स्थित शोरूम अनन्तराम कट्टा ज्वैलर्स पर मालिक चन्द्रप्रकाश कट्टा उर्फ चन्दू को दिए थे। तभी सीबीआइ ने दबिश देकर ज्वैलर व आयकर अधिकारी भण्डारी और फिर आयकर कमिश्नर पीके शर्मा को गिरफ्तार किया था। सर्च में आयकर अधिकारी भण्डारी के पास आय से 59 लाख 80 हजार रुपए अधिक सम्पत्ति मिली थी।
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सीबीआइ मामलात की विशेष अदालत ने 15 लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में गत 26 सितम्बर को आयकर के तत्कालीन कमिश्नर पीके शर्मा व पूर्व आयकर अधिकारी शैलेन्द्र भण्डारी को 4-4 साल की सजा सुनाई थी। दोनों वर्तमान में जेल में बंद है। अब आयकर अधिकारी को एक बार फिर 4 साल की सजा सुनाई गई है।