आईआईटी जोधपुर विज्ञान व रणनीतिक क्षमताओं में बड़ी छलांग लगा रहा है। स्क्रैमजेट इंजन, स्वदेशी यूएवी, एंटी-ड्रोन सिस्टम, उन्नत मिश्र धातु, थार अनुसंधान और देश का पहला विधि-प्रौद्योगिकी केंद्र जैसी छह प्रमुख पहलों से संस्थान ‘फ्यूचर-रेडी भारत’ निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है।
जोधपुर: अंतरिक्ष उड़ानों, सीमा सुरक्षा, न्याय व्यवस्था और थार मरुस्थल की चुनौतियों जैसे विविध क्षेत्रों में आईआईटी जोधपुर ने उल्लेखनीय वैज्ञानिक प्रगति की है। संस्थान की ओर से किए जा रहे शोध और नवाचार भारत की रणनीतिक क्षमताओं को नई ऊंचाई देने वाले साबित हो रहे हैं।
स्क्रैमजेट इंजन, एंटी-ड्रोन सिस्टम, उन्नत मिश्र धातु, स्वदेशी यूएवी और विधि-प्रौद्योगिकी केंद्र जैसी पहलों से यह संस्थान भविष्य के 'फ्यूचर-रेडी भारत' के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
1- हवा से ऑक्सीजन लेकर उड़ेगा रॉकेट
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार और स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च डिवीजन की टीम ऐसा स्क्रैमजेट इंजन विकसित कर रही है, जो उड़ान के दौरान हवा से सीधे ऑक्सीजन ग्रहण करेगा। इससे रॉकेट हल्के, किफायती और अधिक गति से उड़ने में सक्षम होंगे।
2- स्वदेशी यूएवी व डीप-टेक नवाचार
मानवरहित हवाई वाहनों और डीप-टेक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आइडियाफोर्ज कंपनी के साथ एमओयू किया गया है। इसके तहत यूएवी इंजनों, सामग्रियों, निर्माण तकनीकों, 5-जी एकीकरण, भू-मानचित्रण, ऑब्जेक्ट इंडेक्सिग और उड़ान क्षमता बढ़ाने पर संयुक्त शोध किया जाएगा।
3- एयरोस्पेस में मेक इन इंडिया की छलांग
प्रोफेसर एस.एस. नेने, शोधार्थी ए.आर. बालपांडे और ए. दत्ता की टीम ने टाइटेनियम-एल्युमिनाइड मिश्र धातु तैयार की है, जो एयरोस्पेस क्षेत्र में प्रयुक्त धातुओं के लिए नया विकल्प प्रदान करेगी। इससे ईंधन-कुशल एयरोइंजन निर्माण को बड़ी मजबूती मिलेगी।
4- सीमा पर निगरानी को मजबूत करने की पहल
सीमा सुरक्षा बल और आईआईटी जोधपुर के बीच रणनीतिक साझेदारी के तहत ड्रोन व एंटी-ड्रोन तकनीक, एआई आधारित निगरानी प्रणाली, सुरक्षित संचार नेटवर्क और स्मार्ट बॉर्डर प्रबंधन पर कार्य किया जा रहा है। संस्थान में संचालित 'मानेकशॉ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज एंड रिसर्च' रक्षा-सुरक्षा क्षेत्र में शोध कर रहा है।
5- विधि में प्रौद्योगिकी का संगम
एनएलयू जोधपुर और आईआईटी जोधपुर मिलकर देश का पहला संयुक्त विधि एवं प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित कर रहे हैं। यह केंद्र एआई आधारित न्याय प्रणाली, साइबर सुरक्षा, डेटा संरक्षण, फिनटेक-मेडटेक विनियम और उभरती प्रौद्योगिकियों के एथिकल गवर्नेस पर शोध करेगा।
6- थार की चुनौतियों पर शोध
थार डिजाइन कार्यक्रम के अंतर्गत ऊंचे तापमान, तीव्र यूवी विकिरण और जल-अभाव वाले मरुस्थलीय वातावरण में मानव अनुकूलन पर अध्ययन किया जा रहा है। शोध में यह देखा जा रहा है कि अत्यधिक पर्यावरणीय दबाव मेटाबॉलिज्म, कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य, श्वसन तंत्र और दीर्घकालीन रोग जोखिम को कैसे प्रभावित करते हैं।
ऊर्जा, कानून, रक्षा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में भारत को सशक्त बनाने के लिए आईआईटी जोधपुर अग्रणी संस्थानों व उद्योग भागीदारों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। हमारे एमओयू 'फ्यूचर-रेडी भारत' की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
-प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल, निदेशक, आईआईटी जोधपुर