Phalodi Road Accident: राजस्थान के जोधपुर के फलोदी में भारतमाला एक्सप्रेसवे पर देर रात हुई एक दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटना ने 15 लोगों की जान ले ली।
Phalodi Road Accident: राजस्थान के जोधपुर के फलोदी में भारतमाला एक्सप्रेसवे पर देर रात हुई एक दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटना ने 15 लोगों की जान ले ली। बीकानेर के कोलायत से दर्शन करके लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी एक टेंपो ट्रैवलर हाई-स्पीड में एक्सप्रेसवे पर खड़े एक ट्रेलर से जा टकराई। हादसे में कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जोधपुर के प्रभारी मंत्री मदन दिलावर ने इस घटना को बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
दरअसल, श्रद्धालु कोलायत मंदिर से रामदेवरा की ओर जा रहे थे। रात के अंधेरे में एक्सप्रेसवे पर अचानक खड़ा ट्रेलर दिखाई न देने से टेंपो ट्रैवलर सीधे उसमें घुस गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि टेंपो ट्रैवलर के आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
प्रभारी मंत्री मदन दिलावर ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है। हादसा क्यों और कैसे हुआ, इसकी गहन जांच करवाई जा रही है। मंत्री ने बताया कि मृतकों के परिजन मुआवजे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी मांगें मानी जाना संभव नहीं है, लेकिन जो उचित मांगें हैं, उन्हें जरूर पूरा किया जाएगा।
मुआवजे की घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले जैसलमेर में हुए बस हादसे में भी परिजनों को इसी राशि का मुआवजा प्रदान किया गया था।
हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि नो पार्किंग जोन में ट्रेलर आखिर खड़ा क्यों था? मंत्री दिलावर ने इस पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि भारतमाला एक्सप्रेसवे पर लगातार हो रहे हादसों में अधिकतर मामलों में वाहन चालकों की गलती पाई जाती है। अगर कोई गाड़ी पीछे से खड़े ट्रेलर में टकराती है, तो स्पष्ट है कि चालक की लापरवाही रही होगी।
हालांकि, उन्होंने कि जांच में यह देखा जाएगा कि वहां क्या कमियां थीं। नो पार्किंग एरिया में ट्रेलर क्यों खड़ा था? लाइटिंग की पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गई? ये सभी मुद्दे जांच का हिस्सा होंगे।
एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल लंबे समय से उठ रहे हैं। भारतमाला परियोजना के तहत बनाए गए इस हाईवे पर स्पीड लिमिट ऊंची होने के बावजूद लाइटिंग, साइन बोर्ड और पार्किंग नियमों का पालन नहीं हो रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात में ट्रक और ट्रेलर चालक थकान के कारण कहीं भी वाहन खड़ा कर सो जाते हैं, जो जानलेवा साबित हो रहा है।