Phalodi bus accident: फलोदी जिले में हुए सड़क हादसे के तीन बड़े कारण सामने आए हैं। हादसे में 15 लोगों की मौत हुई है। वहीं, दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हैं।
Phalodi bus accident: फलोदी के भारतमाला हाइवे पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे के तीन बड़े कारण सामने आए हैं। इनमें ओवरस्पीड, ओवरटेक और सड़क किनारे बने अवैध ढाबे शामिल हैं।
बता दें कि हाइवे पर हनुमान सागर के पास रविवार शाम सात बजे खड़े ट्रेलर में मिनी बस (टेंपो ट्रैवलर) के घुसने से बस में सवार 10 महिलाएं, चार बच्चों और चालक सहित 15 लोगों की मौत हो गई। दो महिलाएं गंभीर घायल हैं।
हताहत होने वाले सभी सूरसागर के नैनची बाग क्षेत्र के रहने वाले और आपस में पड़ोसी थे और बीकानेर जिले के कोलायत से लौट रहे थे। तुलसी एकादशी की रात सूरसागर नैनची बाग में दीपों से सजे आंगन में आई इस बस हादसे की खबर ने पूरे मोहल्ले को अंधकार में डूबो दिया।
गोती देवी (50), सज्जन कंवर (60), टीना (40), दिशू (6), उर्मिला (55), पुंज उर्फ प्रणब (10), दिव्या (23), मीना (53), फतेह पूरी (32) और मधु (45) की मौत हो गई। इसके अलावा हादसे में रुद्राक्ष, सानिया (32), गीता (50), कुश सांखला और रामेश्वरी पत्नी मूलाराम की भी मौत हो गई।
फलोदी हादसे के पीछे कई कारण सामने आए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों और जांच के शुरुआती निष्कर्षों के अनुसार यह दर्दनाक हादसा लापरवाही और सिस्टम की खामियों का परिणाम रही। पहला कारण यह माना जा रहा है कि भारतमाला एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम गति सीमा 130 किलोमीटर प्रति घंटा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के वक्त टेंपो ट्रैवलर काफी तेज रफ्तार में था। हाइवे किनारे खड़े ट्रेलर को ड्राइवर दूर से नहीं देख पाया और जब तक उसे ट्रेलर नजर आया, तब तक गाड़ी पर नियंत्रण खो चुका था।
दूसरा कारण ओवरटेकिंग को बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ड्राइवर सामने जा रही गाड़ी को ओवरटेक करने की कोशिश में स्पीड बढ़ा रहा था। वहीं, हाइवे किनारे खड़े ट्रेलर के आसपास अंधेरा था, जिससे उसे ट्रेलर नजर नहीं आया और टक्कर हो गई।
तीसरा बड़ा कारण हाइवे किनारे अवैध रूप से खड़े ट्रक-ट्रेलर और ढाबे हैं। भारतमाला एक्सप्रेस-वे पर जगह-जगह ट्रक पार्क किए जाते हैं, क्योंकि कई ढाबे बिना अनुमति के हाइवे किनारे चल रहे हैं। ड्राइवर वाहन सड़क पर खड़ा छोड़ ढाबे में चले जाते हैं। रविवार की शाम भी ऐसा ही हुआ और खड़ा ट्रेलर मौत का कारण बन गया।