India-Pakistan Tensions: सिंधु जल संधि पर फिर विचार का समय आ गया, ‘अब रक्त और पानी साथ नहीं बहेंगे’ – सिंधु जल पर PM की नीति स्पष्ट।
Pakistan Threats: जयपुर। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दो टूक कहा कि भारत अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम भी है, समर्थ भी है, सशक्त भी है और स्वतंत्र भी है। पहलगाम में आतंकी घटना पर शेखावत ने कहा कि ये नया भारत है।
शनिवार को जोधपुर प्रवास के दौरान पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भय के माहौल से जुड़े सवाल पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पाकिस्तान में भय होना भी चाहिए।
गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में लिखा है, 'भयबिनु हो प्रीत...।' मुझे लगता है कि जब भारत ने उरी और पुलवामा के बाद सर्जिकल स्ट्राइक कर संदेश दिया था कि भारत की भूमि और बाहर से हमारे विरुद्ध चलने वाली गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, उसके बाद पिछले पांच-छह साल से कोई बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हो पाई थी। अब एक बार फिर ऐसी कायराना हरकत की गई है। शेखावत ने कहा कि ये नया भारत है। पहलगाम की घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री इस बात का खुले में इजहार कर चुके हैं।
पाकिस्तान के नेताओं के गौरी-गजनवी मिसाइल और एटम बम की धमकी देने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि गौरी-गजनवी पहले भी थी। गौरी-गजनवी तो भारत में आकर अनेक बार चोट खाकर गए थे। जब हमने एयर स्ट्राइक की थी, तब भी गौरी-गजनवी मिसाइल थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज से हजार साल पहले भी हमारे पूर्वजों ने इनको ठीक सबक सिखाया था। एक बार फिर गौरी-गजनवी को हमारी अग्नि और ब्रह्मोस प्रतिकूल जवाब देंगी।
सिंधु जल संधि निलंबित करने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि पिछले सभी युद्धों के समय भी हमने सिंधु जल संधि की पवित्रता पर आंच नहीं आने दी थी, लेकिन प्रधानमंत्री का स्पष्ट कहना है कि अब समय आ गया है, जब रक्त और पानी, दोनों साथ नहीं बहेंगे। आजादी के 75 साल बाद हमको इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है कि किस दबाव में, क्यों भारत के हितों के साथ, भारत के किसानों के हितों के साथ, भारत के लोगों के हितों के साथ समझौता करते हुए इस संधि को किया गया था।
उन्होंने कहा कि संधि निलंबित होने से पाकिस्तान में बौखलाहट स्वाभाविक है। अब ये घबराहट बनी रहेगी। सिंधु का जल राजस्थान तक लाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं मानता हूं कि यही भारत के हित में होगा। हालांकि, इस पर जल्दबाजी की मुझे लगता है कि न तो आवश्यकता है और न ही उसका समय है।
जाति जनगणना और महिला आरक्षण के सवाल पर शेखावत ने कहा कि आजादी के बाद जिस तरह से देश में परिवर्तन हुआ, देश विकसित हुआ, निश्चित रूप से इस समय में एक नए सिरे से समीक्षा करने की आवश्यकता थी। मैं प्रधानमंत्री को इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए, जो गरीब के कल्याण के लिए होगा, वंचितों के कल्याण के लिए होगा, जो पीछे रह गए हैं, अंत्योदय की भावना के अनुरूप उन सबको बराबरी तक लाने का अवसर प्रदान करने वाला होगा, मैं प्रधानमंत्री जी के इस निर्णय का हृदय पूर्वक स्वागत करता हूं।