कानपुर आईटीआई में बीटेक फाइनल ईयर के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पाकर पोस्टमार्टम हो पहुंचे परिजनों आईआईटी प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं। बोले उनकी तो दुनिया लुट गई।
कानपुर के पोस्टमार्टम हाउस में उसे समय लोगों की आंखें नम हो गई। जब आईआईटी फाइनल ईयर के छात्र के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। जहां उन्होंने मृतक के विषय में जानकारी दी। पिता का कहना था कि धीरज सैनी पढ़ने में काफी तेज था। घर की स्थिति खराब होने के बावजूद उन्होंने फल की रेहड़ी लगाकर पढ़ाई का खर्च उठाया। नहीं सोचा था कि यह दिल देखने को मिलेगा। घर वाले धीरज सैनी से काफी उम्मीदें लगाए थे। लेकिन सब टूट गया। पिता और चाचा का रो रो का पूरा हाल था। पिता ने बताया कि अभी धीरज की मां को यह जानकारी नहीं दी गई है। वह अपना मर जाएगी।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित स्थित आईटीआई में बीटेक इलेक्ट्रिक का फाइनल ईयर का छात्र धीरज सैनी ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी लोगों को समय हुई। जब डेड बॉडी बदबू देने लगी। आईटीआई प्रशासन में घटना की जानकारी पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। मृतक छात्र धीरज सैनी के ताऊ सत्येंद्र के साथ परिवार के सदस्य पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।
ताऊ सत्येंद्र ने बताया कि धीरज काफी कम बातचीत करता था। तीन दिन पहले उसके चाचा संदीप ने फोन किया था। लेकिन फोन नहीं उठा। इसके बाद दोस्तों से भी बातचीत की गई। लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। आईटीआई प्रबंधन में फोन करके जानकारी दी कि धीरज ने आत्महत्या कर लिया। यह सुनकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
पिता सतीश सैनी की आंखों के सामने बेटे की मौत की खबर सुनकर अंधेरा छा गया। उन्होंने कहा कि मेरा सब कुछ लुट गया। अपने बेटे को बड़ी मेहनत से पढ़ाया था। अपनी प्रतिभा और योग्यता के कारण आईआईटी कानपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में प्रवेश मिला। पिछले डेढ़ महीने से बेटे से फोन पर बातचीत भी नहीं हो पाई। जब भी बात करने की कोशिश करता तो कहता पापा आईआईटी की पढ़ाई कर रहा हूं। दिनभर व्यस्त रहता हूं। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि यह स्थिति देखने को मिलेगी
पिता सतीश में आईआईटी प्रबंधन पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हॉस्टल में रहने वाले बच्चों की 24 घंटे में एक बार खबर लेनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कानपुर के रहने वाले रिश्तेदार एसएन सैनी ने बताया कि धीरज की मौत संदिग्ध है। मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। आईआईटी संस्थान अपनी छवि बचाने के लिए सुसाइड जैसे मामलों को छुपा ले जाता है। बच्चों की मौत की फाइलों अलमारी में बंद होकर रह जाती है।