Kanpur News: कानपुर में पूर्ति विभाग के आधार आधारित सत्यापन में बड़ा खुलासा हुआ है। कार मालिक, पांच एकड़ से ज्यादा जमीन रखने वाले किसान, कंपनी डायरेक्टर और 25 लाख से अधिक टर्नओवर वाले 32,941 अपात्र लाभार्थी वर्षों से सरकारी कोटे का राशन ले रहे थे।
Ration card verification ineligible beneficiaries: कानपुर जिले में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से राशन लेने वालों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पूर्ति विभाग द्वारा कराए गए आधार आधारित सत्यापन में यह सामने आया है कि जिले में 32,941 ऐसे लाभार्थी हैं, जो पात्रता के नियमों को पूरा नहीं करते, इसके बावजूद वर्षों से गरीबों के लिए निर्धारित कोटे का राशन ले रहे थे। जांच में सामने आया कि इनमें कार मालिक, पांच एकड़ से अधिक जमीन रखने वाले किसान, कंपनियों के डायरेक्टर और बड़े कारोबार करने वाले लोग शामिल हैं।
सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार, 14,520 लाभार्थी ऐसे हैं जिनके पास कार (एलएमवी) दर्ज है, जबकि दो लोग मीडियम मोटर व्हीकल के मालिक पाए गए। इसके अलावा 3,048 ऐसे किसान चिन्हित किए गए हैं जिनके पास पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि है। यही नहीं, 3,036 लाभार्थी किसी न किसी कंपनी में डायरेक्टर के पद पर हैं और 267 लोगों का जीएसटी रिकॉर्ड बताता है कि उनका सालाना ग्रॉस टर्नओवर 25 लाख रुपये से अधिक है। नियमों के अनुसार ये सभी श्रेणियां सरकारी राशन की पात्रता से बाहर आती हैं।
जिला पूर्ति अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि जिले भर के राशन कार्ड लाभार्थियों का आधार कार्ड के माध्यम से सत्यापन कराया गया। इसी प्रक्रिया में अपात्र लोगों की पहचान संभव हो सकी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, ये लोग लंबे समय से कम दाम पर राशन लेकर वास्तविक जरूरतमंदों के हिस्से में कटौती कर रहे थे, लेकिन अब तकनीकी जांच के बाद उनकी पहचान स्पष्ट हो गई है।
पूर्ति विभाग ने स्पष्ट किया है कि सत्यापन में चिन्हित किए गए सभी अपात्र लाभार्थियों के नाम राशन कार्ड से हटाए जाएंगे। जैसे ही नाम कटेंगे, उन्हें आगे राशन का लाभ नहीं मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से सरकारी योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक पहुंचेगा और वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी।
यदि जिले में कुल राशन वितरण की स्थिति देखें तो शहरी क्षेत्र में 4,56,939 राशन कार्डों के माध्यम से 16,49,212 लाभार्थी राशन प्राप्त कर रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 3,34,324 राशन कार्डों से 11,84,665 लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इस तरह पूरे जिले में कुल 28,33,877 लाभार्थी सरकारी राशन योजना के अंतर्गत आते हैं। विभाग का दावा है कि अपात्रों के नाम हटने के बाद वास्तविक गरीबों को पूरा हक मिल सकेगा।