28 वर्ष के लम्बे इंतजार के बाद लबालब हुए बांध के छलने से बांध की डाउन स्ट्रीम से निकल रही नदी जीवंत हो उठी है।
करौली जिले के हिण्डौनसिटी में 28 वर्ष के लम्बे इंतजार के बाद लबालब हुए जगर बांध के छलने से बांध की डाउन स्ट्रीम से निकल रही जगर नदी जीवंत हो उठी है। बांध पर लगातार तीसरे दिन बुधवार को छह इंच मोटी चादर चलने से नदी में तेज प्रवाह बना हुआ है। जो आगे जाकर गांव पाली के पास पांचना से आ रही गंभीर नदी में मिलेगा।
बयाना मार्ग पर गांव जटनगला के पास से निकल रही जगर नदी के बहाव को देखकर लोगों ने खुशी मनाई। सुबह से ही कॉलवे पुल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। हिण्डौन-बयाना मार्ग स्थित कॉलजे पुल पर सुरक्षा दीवार व पिलर नहीं होने से नदी क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन से चौकसी बढ़ा दी।
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जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता उम्मेदसिंह ने बताया कि मंगलवार रात डांग इलाके में कैचमेंट एरिया में बारिश होने से बांध में पानी की आवक बनी हुई है। वहीं बदनपुरा क्षेत्र में गत दिवस एक एनीकट के टूटने से पानी की भारी आवक से बांध पर रात में एक फीट की चादर चली। बुधवार सुबह से देर शाम तक दोनों वेस्टवीयर पर 6 इंच की चादर के रूप में बांध से पानी का ओवर फ्लो रहा।
इससे करसौली- नागरियान का पुरा की सडक़ पर तीसरे दिन भी पानी का तेज बहाव रहा। जल संसाधन विभाग के अभियंताओं ने बताया कि जगर बांध के डाउन स्ट्रीम से निकल रही नदी पानी गांव के एनीकट को भरते हुए गंभीर नदी में मिलती है। गांव पानी में जलसंसाधन विभाग ने 100 मीटर लम्बा व दो मीटर ऊंचा एनीकट बनाया हुआ है। एनीकट के बुधवार रात तक भरने की संभावना है। इधर जगर बांध पर चल रही चादर को देखने पहुंच रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिसकर्मी तैनात रहे।
जगर नदी में पानी की आवक को देखते हुए बुधवार को प्रशासन ने बयाना मार्ग की कॉजवे पुलिया के पाइपों की सफाई करवाई। प्रशासन व जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों ने जेसीबी से 18 पाइपों से कचरे को हटवाया। जिससे कटकड़ नदी की स्थिति नहीं बने।