सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियां गिनाने कर रहे थे पत्रकारवार्ता, विधायक संजय पाठक पर लगे है आदिवासियों को मोहरा बनाकर जमीन खरीदने के आरोप
कटनी. जिले के चार गरीब आदिवासियों को मोहरा बनाकर उनके नाम पर खरीदी गई 1135 एकड़ जमीन के घोटाले की जांच धीमी गति से चल रही है तो दूसरी ओर इस मामले से जिले के जिले के प्रभारी मंत्री को भी सरोकार नहीं है। प्रदेश के परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह शनिवार को जिले में आयोजित जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक शामिल होने पहुंचे थे। बैठक के बाद वे सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों को गिनाने पत्रकारवार्ता कर रहे थे। इसी दौरान जिले के चारों आदिवासियों को लापता होने व प्रशासन के उन्हें तलाश न पाने को लेकर सवाल पूछा गया तो मंत्री जवाब देने की बजाय आभार व्यक्त करने लगे। फिर सवाल हुआ तो प्रभारी मंत्री उठकर बिना जवाब दिए ही चल दिए। इस दौरान विधायक संजय पाठक, संदीप जायसवाल, प्रणय पांडे सहित कलेक्टर व एसपी भी मौजूद रहे।
आदिवासियों के नाम पर हुए इस जमीन घोटाले को लेकर सरकार पहले ही बैकफुट पर है। विधानसभा में सरकार ने यह माना है कि चारों आदिवासी उन्हें तलाशने से भी नहीं मिल रहे हैं और न ही उनके लापता होने की कोई एफआईआर है। जांच में लेटलतीफी का आलम यह है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के नोटिस के ढाई माह बाद भी चार जिलों के कलेक्टर जांच पूरी नहीं कर सके है। आयोग ने हाल ही में एक बार फिर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जिले के चार आदिवासी नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह व रघुराज सिंह निवासी कटनी के नाम पर डिंडौरी, जबलपुर, उमरिया, कटनी एवं सिवनी जिले में बैगा आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी कर अरबों रुपए कीमत की लगभग 1135 एकड़ जमीनें खरीदीं गई हैं। शिकायतकर्ता अंशू मिश्रा का आरोप है कि इन चारों आदिवासियों को विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक ने मोहरा बनाकर जमीनें खरीदी है। इन आदिवासियों के खातों में रुपए का लेन-देन विधायक व उनके परिवार से जुड़ीं कंपनियों से होने का आरोप है।