MP News: शनिवार को वार्ड क्रमांक 14 के मुक्तिधाम में एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। इस दौरान बारिश होने लगी और छत से भयंकर पानी सीधे चिता पर गिरने लगा।
MP News: कटनी जिले के बरही नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 14 छिंदिया टोला स्थित नव-निर्मित मुक्तिधाम भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। यहां निर्माण की गुणवत्ता इतनी घटिया है कि छत से सीधे चिता पर पानी टपक रहा है। शेड का अता पता नहीं है। इस शर्मनाक स्थिति ने नगर परिषद के कामकाज और जिम्मेदारों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शनिवार को वार्ड क्रमांक 14 के मुक्तिधाम में एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार(Funeral) किया जा रहा था। इस दौरान बारिश होने लगी और छत से पानी सीधे चिता पर गिरने लगा। इससे चिता जलाने में भारी परेशानी हुई और परिजनों को अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि यह स्थिति पहली बार नहीं है। बारिश के दिनों में मुक्तिधाम की छत से लगातार पानी टपकता है, जिससे अंतिम संस्कार जैसे गंभीर अवसर पर भी शांति और गरिमा नहीं रह पाती।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मुक्तिधाम निर्माण के बाद से ही छत और ड्रेनेज की खामियां नजर आ रही थीं। इस समस्या की जानकारी कई बार नगर परिषद अध्यक्ष, सीएमओ, ठेकेदार और वार्ड पार्षद को दी गई, लेकिन आज तक कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया गया। लोगों का आरोप है कि ठेकेदार ने निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया और अधिकारियों ने आंख मूंदकर भुगतान कर दिया। इससे साफ है कि भ्रष्टाचार ने मुक्तिधाम जैसे पवित्र स्थल को भी नहीं छोड़ा।
वार्ड के लोगों का कहना है कि मुक्तिधाम की यह स्थिति बेहद शर्मनाक है और यह न सिर्फ भ्रष्टाचार की पोल खोलती है बल्कि मानव संवेदनाओं के प्रति संवेदनहीन रवैया भी दर्शाती है। स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि निर्माण कार्य की जांच कर दोषी ठेकेदार, परिषद अध्यक्ष, सीएमओ और वार्ड पार्षद पर कार्रवाई की जाए तथा मुक्तिधाम की मरम्मत तुरंत करवाई जाए।
मुक्तिधाम के निर्माण के समय गुणवत्ता की जांच क्यों नहीं की गई?, बार-बार शिकायत के बावजूद अधिकारी चुप क्यों हैं, क्या नगर परिषद भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है? बरही नगर परिषद क्षेत्र का यह मामला दर्शाता है कि भ्रष्टाचार किस हद तक जड़े जमा चुका है कि मुक्तिधाम जैसे पवित्र स्थल भी इससे अछूते नहीं हैं। यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो जनता का आक्रोश और बढ़ सकता है।