कटनी

आईपीएल में ऑनलाइन सटोरिए सक्रिय, हर दिन लगता है करोड़ों का दांव

Online Cricket Betting in IPL

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Mar 27, 2025
सट्टा संचालित करते युवक गिरफ्तार (Photo source- Patrika)

ऑनलाइन सट्टे के गढ़ माधवनगर में पुलिस अबतक खाली हाथ, माधवनगर के सटोरिए गिराहे बनाकर सागर में ऑपरेट कर रहे थे कारोबार

कटनी. आईपीएल मैच शुरू हो चुके है और इसी के साथ इन मैचों पर लगने वाला करोड़ों का ऑनलाइन सट्टा परवान चढ़ चुका है। करोड़ों का सट्टा खिलाने वाले शहर के बड़े बुकियों के एजेंट््स कटनी छोडकऱ आसपास के जिलों में जम गए हैं। पुलिस की नजर से बचने के लिए कुछ बुकी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, दिल्ली, मुंबई पहुंच चुके है तो कई बुकी शहर में ही रहकर अपने एजेंट््स को ऑपरेट कर रहे है। इसी तरह का हाल शहर में है। कई बुकियों ने बाहर के एजेंट््स को हायर कर रखा है और पुलिस की नजरों से बचने बाहरी लोगों से शहर में ऑनलाइन सट्टे का कारोबार संचालित करवा रहे हैं। आनलाइन सट्टे का गढ़ कहे जाने वाला शहर का माधवनगर क्षेत्र है, इसके बावजूद पुलिस अबतक खाली हाथ है। बुकी वेबसाइट और एप के जरिए हर बाल पर हार-जीत के दांव लगवा रहे हैं। यूएई से सट्टा ङ्क्षलक मिल रही है। ङ्क्षलक का पावर एडवांस रकम देकर बुकी ले लेते हैं। महज 15 हजार रुपए में अपनी वेबसाइट बनाकर उसमें यूएई की ङ्क्षलक शेयर कर देते हैं। अपना अलग प्लेटफॉर्म और एक्सचेंज बनाकर धड्ल्ले से क्रिकेट सट्टा चला रहे हैं। ऑनलाइन खेल के फेर में सटोरियों को दबोचना पुलिस के लिए भी मुश्किल हो रहा है। पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए शातिर बुकीज ने सट्टा खिलाने का तरीका बदल लिया है। पूरा खेल हाइटेक होकर ऑनलाइन हो गया है। वेबसाइट, एप और मोबाइल पर चल रहे ऑनलाइन सट्टा बुकी कारों में बैठकर और घूम-घूम कर खिला रहे हैं।

कटनी में बनाया गिरोह, सागर से कर रहे थे ऑपरेटर
हाल ही में सागर जिले में पुलिस ने कटनी के छह सटोरियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में राहुल पुत्र नरेंद्र कुमार देवानी, तुषार पुत्र रमेश कुमार नागदेव, साहिल पुत्र जेठानंद बाघवानी, अंश पुत्र किशन गोधवानी, विशाल पुत्र जेठानंद बाघवानी, दिनेश पुत्र जेठानंद चेलानी सभी निवासी माधव नगर ङ्क्षसधी कैंप शामिल हैं। सागर के मोतीनगर थाना प्रभारी जसवंत ङ्क्षसह राजपूत ने बताया कि गिरोह का सरगना कटनी जिले के माधव नगर ङ्क्षसधी कैंप का रहने वाला 24 वर्षीय राहुल पुत्र नरेंद्र कुमार देवानी है। उसी ने गिरोह बनाया था और आरोपी खुद ही क्रिकेट पर हार-जीत के दांव लगाने ऑनलाइन ङ्क्षलक जनरेट करते थे।

बड़े बुकी बना रहे ऑनलाइन एक्सचेंज
सूत्रों केअनुसार बड़े बुकी ने अपने अलग-अलग नाम से ऑनलाइन एक्सचेंज बना लिए हैं। इसकी वेबसाइट और एप का पासवर्ड अपने नीचे छोटे बुकी या प्लेयर(सट्टा खेलने वाले) को देते है। एडवांस रकम लेकर ऑनलाइन सट्टा खेलने की क्रेडिट देते है। पुलिस की सटोरियों पर हालिया कार्रवाई में ऑनलाइन सट्टा का खेल सामने आया है। अपना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने के बाद बुकी पूरा खेल मोबाइल फोन पर कर रहे हैं। मोबाइल पर आसानी से चल सकें इसलिए कम जीबी का एप-वेबसाइट बनाते हैं।

हाईटेक मशीन से खेल
सटोरियों ने हाईटेक जमाने में खुद को भी हाईटेक कर लिया है। अब फोन पर कॉल या मैसेज के बजाय ज्यादातर बुङ्क्षकग वाट््सएप या अन्य इंटरनेट मीडिया साइट््स से ले रहे हैं। सट्टा खिलाने के लिए हाईटेक मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे सीधे-सीधे बुङ्क्षकग हो जाती है। दांव जीतने पर पेमेंट की जानकारी भी इसी तरह से दी जा रही है। ऑनलाइन पेमेंट भी आसानी से कर सकते हैं।

हर बाल, हर रन पर रेट तय
शहर में रहने वाले सटोरिए सट्टा लगाने वाले की जानकारी मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े-बड़े शहरों में बैठे अपने सरगना को दे रहे हैं। इनकी इच्छा के अनुसार, मैच की हर बाल, ओवर और रन का रेट निर्धारित कर कारोबार किया रहा है।

टीवी से पहले स्कोर, इसी में हो रहा खेल
बीते वर्षों में हुई कार्रवाई में पुलिस को छानबीन में पता चला है कि सटोरिए के प्लेटफॉर्म पर चलने वाले आइपीएल मैच का स्कोर अन्य लाइव स्कोर दिखाने वाले माध्यमों से ज्यादा तेज है। संभावना है कि बुकी के एजेंट क्रिकेट मैदान में मौजूद रहते हैं वहीं से हर गेंद का स्कोर उसी समय अपडेट करते हैं। इसके कारण टीवी चैनल के मुकाबले बुकी के ङ्क्षलक पर मैच का लाइव स्कोर 2-3 गेंद पहले ही आ जाता है। इसमें सट्टा भाव भी रहता है। जो हर बॉल पर अपडेट होता है। इसे देखकर खिलाड़ी बुकी को अपना दांव नोट कराते रहते हैं। लाइव अपडेट पहले होने का फायदा उठाकर सटोरिए हर बॉल के दांव बुक करके लाखों रुपए कमाते हैं।

शहर से बाहर बुकी का ठिकाना
शातिर बुकी ऑनलाइन तरीका अपनाने के साथ ही पुलिस को चकमा देने के लिए जगह बदलते रहते है। पुलिस के राडार से बचने के लिए शहर के बड़े बुकी आसपास के जिलों में पहुंच गए है। शहर में कमीशन पर लडक़े रख लिए है। ये सिर्फ दांव लिखते हैं। खिलाड़ी से रकम वसूली बुकी सीधे करते हैं।

विदेशी सर्वर तक पहुंचना मुश्किल
ऑनलाइन क्रिेकेट सट्टा में उपयोग की जा रही मेन ऑनलाइन ङ्क्षलक यूएई की है। विदेश में सर्वर वाले इन साइट के ङ्क्षलक बड़े बुकी के पास है। विदेशी सर्वर से बुकी पुलिस के चंगुल से बच निकल रहे हैं।

सटोरिए इस तरह बच रहे

  • पुराने सभी नंबर बंद कर दिए गए हैं।
  • होटल में दूसरे के नाम से रूम बुक किए गए हैं।
  • बड़े बुकी पहले ही शहर छोडकऱ बाहर चले गए हैं।
  • दुबई के नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इनका कहना
ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। पुलिस और मुखबिर तंत्र लगातार इसकी निगरानी कर रही है। पूर्व में इस तरह की कार्रवाई की गई है। ऑनलाइन सट्टे पर कार्रवाई हमारी प्राथमिकता है। हम पूरी तरह से सतर्क है।
अभिजीत रंजन, एसपी

Published on:
27 Mar 2025 09:28 am
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