MP News: मध्य प्रदेश में लोक निर्माण विभाग की लापरवाही और ठेकेदार की मिलीभगत ने भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। 10 करोड़ की सड़क छह माह में ही बर्बाद होकर जनता की मुश्किल बढ़ा रही है।
Road Construction Corruption: मध्य में कटनी में लोक निर्माण विभाग की घोर लापरवाही और ठेका कंपनी प्रगति इंडिया प्रालि के घटिया निर्माण (Poor Quality Road) ने जिले में सड़क निर्माण के भ्रष्टाचार की एक नई मिसाल पेश की है। यह हम नहीं बल्कि लगभग 10 किलामीटर की बनी सड़क खुद-ब-खुद बयां कर रही है। पिपरौंध से देवरीहटाई तक लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा 10 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई 9.2 किलोमीटर सड़क अब मात्र छह माह में ही खस्ताहाल हो गई है। इसमें 3 किलोमीटर सीसी सड़क और शेष डामर सड़क शामिल है। (mp news)
मार्च माह में ठेकेदार प्रगति इंडिया प्रालि ने सड़क पूरा कराकर हैंडओवर किया था, लेकिन अब सड़क टूट गई है और डामर के हिस्सों के परखच्चे उड़ गए हैं। 10 करोड़ रुपए की लागत से बनी सड़क की घटिया गुणवत्ता, विभागीय लापरवाही और ठेकेदार की मिलीभगत सार्वजनिक धन और जनता की सुरक्षा दोनों के लिए खतरा बन गई है। यह मामला जिले में सड़क निर्माण की निगरानी, भ्रष्टाचार और जवाबदेही के मुद्दों को उजागर करता है। (mp news)
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि डामर सड़क पहले बनी और बाद में सीसी सड़क का निर्माण कराया गया। हालांकि निर्माण के समय ही सड़क घटिया लग रही थी, लेकिन अब डामर के हिस्से उखड़ गए हैं जो भ्रष्टाचार कर परतें उजागर कर रहे हैं। सड़क की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
ग्रामीण अखिल पांडेय, रवि जग्गी, रामप्रसाद कुशवाहा, देवेंद्र दुबे, सल्लू मिश्रा, अंकुश दुबे, पलाश जग्गी, मोनू ठाकुर ने आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और ठेकेदार मिलीभगत करके घटिया निर्माण करवा रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों की निगरानी बिल्कुल ही प्रभावी नहीं रही। सड़क इतनी जल्दी खराब होना भ्रष्टाचार और लापरवाही की स्पष्ट मिसाल है। (mp news)
जिला पंचायत सदस्य मोहनी पांडेय, अखिल वांडेय, सल्लू मिश्रा ने कहा कि सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार हावी है। निगरानी और कार्यपालनयंत्री, एसडीओ की बेपरवाही व ठेकेदार की लापरवाही के कारण सड़क गुणवत्ता विहीन बनी है। खराब सड़कें न सिर्फ आवागमन को प्रभावित करती हैं, बल्कि दुर्घटनाओं का कारण भी बन रही हैं। कलेक्टर से पूरी सड़क की जांच कराते हुए ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। (mp news)
एसडीओ जेपी पटेल ने सड़क खराब होने के लिए गुणवत्ता की बजाय ओवरलोड वाहनों को जिम्मेदार ठहराया। उनके अनुसार प्रस्ताव बनाते समय विभाग ने ओवरलोड वाहनों के गुजरने का अनुमान नहीं लगाया। भारी वाहन गुजरने के कारण सड़क खराब हुई है। उन्होंने कहा कि जहां सड़क उखड़ गई है. वहां सुधार का काम चल रहा है। वहीं इनका कहना है कि डामर सड़क तो मार्च के पहले ही बन गई थी, अब खराब हो रही है तो उसे ठीक भी तो कराया जा रहा है। ठेकेदार पांच साल तक सड़क को ठीक करेगा। अब सवाल यह उठता है कि पहले साल में ही सड़क खस्ताहाल हो गई है तो फिर लोगों को सुगम यातायात की सुविधा कैसे मिलेगी। (mp news)
ग्रामीणों ने बताया कि शिकायत होने पर भी अधिकारी ठेकेदार से पॅचवर्क कराकर समस्याओं को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका आरोप है कि ठेकेदार और विभाग के अफसर मिलीभगत से गुणवत्ताहीन निर्माण करवा रहे हैं, जिससे जनता की सुरक्षा और पैसे दोनों पर संकट उत्पन्न हो गया है। स्थानीय लोगों और जिला पंचायत सदस्यों ने मांग की कि सड़क की स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषी ठेकेदार, अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं की लाएगी, और सड़क निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए। (mp news)
लगभग एक से डेढ़ साल पहले सड़क बन गई थी। पेंच रिपेयर करा रहे हैं। सड़क मार्च में ही हैंडओवर की है। जहां पर ओवरटॉप हुआ है, वहीं सड़क खराब हुई है। छोटी-छोटी पुलिया जहां पर बनी हैं वहां पर अधिक डैमेज हुआ है। जहां भी समस्या है वहां ठीक करा रहे हैं।- वीरेंद्र सिंह ठाकुर, इंजीनियर प्रगति इंडिया
सड़क का निर्माण गुणवत्तायुक्त क्यों नहीं हुआ, सड़क निर्माण की निगरानी विभाग ने ठीक से क्यों नहीं की, ठेकेदार पर क्या कार्रवाई की गई है इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।- आशीष तिवारी, कलेक्टर