Sanjay Pathak- जमीन घोटाले पर कलेक्ट्रेट का घेराव किया, विधायक संजय पाठक के खिलाफ नारेबाजी
Sanjay Pathak- आदिवासी जमीन घोटाले में घिरे विधायक संजय पाठक के खिलाफ बुधवार को कटनी में जोरदार प्रदर्शन किया गया। समाजसेवी एवं मामले के मुख्य शिकायतकर्ता दिव्यांशू मिश्रा ‘अंशु’ के नेतृत्व में यूथ कांग्रेस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित कई आदिवासी संगठनों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर दिया। इस दौरान विधायक संजय पाठक के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों ने मामले में शीघ्र, निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए डिप्टी कलेक्टर विन्की सिंहमारे एवं सीएसपी नेहा पच्चीसिया को विस्तृत मांग-पत्र सौंपा।
विधायक संजय पाठ पर आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर जमीन की खरीद-फरोख्त के गंभीर आरोप लगे हैं। इसको लेकर शहर का माहौल गरम हो गया। जमीन घोटाले की जांच तेज करने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट में उग्र प्रदर्शन किया गया।
आरोप है कि विधायक पाठक ने अपने चार आदिवासी कर्मचारियों नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गौड़ और रघुराज सिंह गौड़ को मोहरा बनाकर डिंडोरी, जबलपुर, उमरिया, कटनी व सिवनी में लगभग 1135 एकड़ आदिवासी बैगा समाज की जमीन फर्जीवाड़े से खरीदी। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि 29 सितंबर 2025 को कलेक्टर को तथा 09 जून 2025 को पुलिस अधीक्षक को विस्तृत दस्तावेजों सहित शिकायत प्रस्तुत की गई थी।
ज्ञापन के अनुसार, शिकायत के पांच माह बीत जाने के बावजूद चारों आदिवासियों के बयान तक दर्ज नहीं किए गए हैं।
पिछले 25 वर्षों के बैंक खातों के वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड भी न जांच अधिकारी ने मांगा, न प्रशासन ने संकलित किया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि चारों आदिवासी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, उनके कथन तत्काल दर्ज किए जाएं तथा बैंक खातों की जांच करके इस कथित जमीन घोटाले के आर्थिक तारों को सामने लाया जाए।
ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रदर्शन उग्र हो गया। प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट भवन के भीतर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, जिसे बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल ने रोक दिया। कुछ देर अफरा-तफरी बनी रही, हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि यदि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन विधायक संजय पाठक के विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही नहीं करता है, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध न्यायालय की शरण ली जाएगी। इसके साथ ही बड़े स्तर पर सड़क पर आंदोलन भी किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से आग्रह किया कि आदिवासी समाज के हितों से जुड़े इस गंभीर प्रकरण पर त्वरित कार्रवाई कर दोषियों पर सबसे कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि प्रभावित बैगा आदिवासियों को न्याय मिल सके।