Water is being stolen from Katni river
कटनी. शहर की जीवनदायिनी कटनी नदी, जो शहर की 80 प्रतिशत आबादी की प्यास बुझाने का मुख्य स्रोत है, अब संकट के दौर से गुजर रही है। नदी में पानी की मात्रा तेजी से घट रही है, जिसके चलते गर्मी के मौसम में पानी की गंभीर कमी का संकट गहराने की संभावना है। कटनी नदी के किनारे बसे अमकुही, गुलवारा और घिनौची जैसे इलाकों में किसानों द्वारा बिना अनुमति के सिंचाई के लिए पानी का भारी दोहन किया जा रहा है। नदी के बहाव के बीच बिजली व डीजल पंपिंग सेट कर अन्य साधनों से लगातार पानी निकाला जा रहा है, जिससे नदी का जलस्तर कम होता जा रहा है। ईंट भ_ों में भी पानी का उपयोग हो रहा है।
हालांकि नगर निगम और जिला प्रशासन को इस समस्या की जानकारी है, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यदि इसी तरह पानी का अंधाधुंध दोहन जारी रहा, तो शहर में पानी की भारी किल्लत हो सकती है। गर्मी के दिनों में यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। शहरवासियों ने नगर निगम और प्रशासन से जल्द से जल्द पानी के दोहन पर रोक लगाने और नदी के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। इसके लिए न केवल सख्त कानून लागू करने की जरूरत है, बल्कि जागरूकता अभियान चलाकर किसानों और स्थानीय लोगों को भी पानी बचाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
भविष्य की चुनौती से लेना होगा सबक
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले वर्षों में कटनी शहर को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में न केवल शहर की प्यास बुझाने में समस्या आएगी, बल्कि किसानों और पर्यावरण पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। शहर के निवासियों और पर्यावरणविदों ने इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की आवाहन किया है ताकि कटनी नदी को बचाया जा सके और आने वाली पीढिय़ों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।