Kawardha News: पुलिस विभाग की कार्यशैली को प्रभावित कर रही अनुशासनहीनता, कर्तव्यच्युति और नशाखोरी जैसी गंभीर प्रवृत्तियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
CG News: कवर्धा जिले में पुलिस विभाग की कार्यशैली को प्रभावित कर रही अनुशासनहीनता, कर्तव्यच्युति और नशाखोरी जैसी गंभीर प्रवृत्तियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। विभागीय जांच में यह सिद्ध हुआ कि तीनों आरक्षक अनिल मिरज, आदित्य तिवारी और राजेश उपाध्याय का आचरण न केवल पुलिस विभाग की गरिमा के विपरीत था बल्कि जनता के प्रति जवाबदेही, विश्वास और सुरक्षा की मूल भावना पर भी प्रतिकूल असर डाल रहा था।
विभागीय जांच रिपोर्ट में पाया गया कि तीनों आरक्षकों ने अपने व्यवहार और कार्यशैली में सुधार की कोई इच्छा नहीं दिखाई। बार-बार चेतावनियों, दंड और निर्देशों के बावजूद उनकी मनमानी, नशे की लत व ड्यूटी से अनुपस्थित रहने जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही थीं। इसी आधार पर कठोरतम कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से हटा दिया गया। तीनों मामलों में प्रमाणित आचरण को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया।
कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने स्पष्ट किया है कि विभाग में नशाखोरी, अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता और कर्तव्यच्युति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस विभाग में वही कर्मचारी बने रहेंगे जो अनुशासन, निष्ठा और प्रोफेशनलिज़्म के उच्च मानकों का पालन करेंगे।
आरक्षक अनिल मिरज का रिकॉर्ड विभागीय मानकों के बिल्कुल विपरीत पाया गया। जांच में यह सामने आया कि वह कई बार बिना सूचना के लंबे समय तक गायब रहता था। नोटिस तामील के दौरान लापरवाही, मोटर वारंट गुम करना और 22 बार विभागीय दंड दिया जाना उसके कर्तव्य के प्रति बेहद लापरवाह रवैये को उजागर करता है। कुल 234 दिनों की अनधिकृत अनुपस्थिति यह साबित करती है कि वह पुलिस सेवा के अनुशासन को निरंतर चुनौती देता रहा।
आरक्षक आदित्य तिवारी का मामला और भी गंभीर पाया गया। बंदी पेशी जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के दौरान वह शराब के नशे में न्यायालय परिसर के बाहर सोता हुआ पाया गया। बाद में वह ड्यूटी छोड़कर फरार हो गया और 91 दिनों तक अनुपस्थित रहा। पहले भी बार-बार नशे में पकड़े जाने और ड्यूटी से गायब रहने पर उसे दंडित किया गया था, लेकिन उसके व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया।
आरक्षक राजेश उपाध्याय एसपी कार्यालय में आमद दर्ज कराने के दौरान नशे की हालत में पहुंचा। गणवेश अव्यवस्थित था और उसने कार्यालय स्टाफ से अनर्गल बहस की। यह पुलिस रेगुलेशन और अनुशासन का स्पष्ट उल्लंघन है। पूर्व में बार-बार दंडित किए जाने के बावजूद उसके व्यवहार में सुधार नहीं हुआ। विभागीय जांच में यह सिद्ध पाया गया कि वह सेवा के निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतरता।