MP News: किसे मालूम था, मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के छोटे से गांव लेपा में जन्मा एक किसान का बेटा 70000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर देगा। खरगोन के ललित केशरे ने कभी कल्पना भी न की होगी कि उनकी मेहनत एक दिन करोड़ों की कंपनी का आधार बनेगी। ललित केशरे की कहानी बताती है कि, कैसे एक असफल शुरुआत के बावजूद कुछ बड़ा करने की भूख आपको सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचाता है।
MP News: किसे मालूम था, मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के छोटे से गांव लेपा में जन्मा एक किसान का बेटा 70000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर देगा। खरगोन के ललित केशरे ने कभी कल्पना भी न की होगी कि उनकी मेहनत एक दिन करोड़ों की कंपनी का आधार बनेगी। आईआईटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने सपनों के पीछे भागना शुरू किया, लेकिन उनकी शुरुआत आसान नहीं थी। असफलता, कर्ज का बोझ और न जानें कितनी समस्याओं को पार करके आज एमपी का लाल ललित लाखों युवाओं के लिए मिसाल बने गएं।
आईआईटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद ललित ने 'एडूफ्लिक्स' नाम से एक ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म खोला। यह आईडिया था शिक्षा को हर कोने तक पहुंचाने का, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। कुछ ही समय बाद उनकी ये कंपनी बंद हो गई और उनके ऊपर कर्ज का पहाड़ टूट पड़ा। इसके बावजूद ललित ने हार नहीं मानी और फ्लिपकार्ट में ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर का पद संभाला। हालांकि, कुछ बड़ा करने की चाह ललित के मन में अब भी थी। 2016 में, उन्होंने फ्लिपकार्ट की लाखों की नौकरी को अलविदा कहा और अपने बड़े सपने को पूरा करने निकल पड़ें।
ललित के सपनों के साथी बने उनके तीन दोस्त.. हर्ष जैन, नीरज सिंह और ईशान बंसल। चारों ने मिलकर 'ग्रो' की शुरुआत की, जिसका मिशन था निवेश को मोबाइल पर फोटो खींचने जितना आसान बनाना। 2017 में लॉन्च होते ही ग्रो ने म्यूचुअल फंड्स से यात्रा शुरू की, फिर स्टॉक्स, ईटीएफ और आईपीओ तक फैल गया। आज यह प्लेटफॉर्म 1.19 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का घर है और भारत का नंबर-1 ऑनलाइन ब्रोकरेज बन चुका है। छोटे शहरों के लोग जो कभी शेयर बाजार को किताबों में ही देखते थे, अब ग्रो पर कॉन्फिडेंट ट्रेडिंग कर रहे हैं।
आज ललित केशरे की कंपनी ग्रो 70,000 करोड़ रुपये की वैल्यू वाली कंपनी है, जो छोटे शहरों के लाखों परिवारों को वेल्थ क्रिएशन का रास्ता दिखा रही है। वहीं 4 नवंबर 2025 को पैरेंट कंपनी बिलियनब्रेन्स गैरेज वेंचर्स लिमिटेड का आईपीओ बाजार में उतरा, जिसकी कीमत 6,632 करोड़ रुपये रखी गई। ललित कहते हैं, 'हम पैसों के पीछे नहीं भाग रहे, बल्कि ऐसी कंपनी बना रहे हैं जो आने वाली पीढ़ियों को सशक्त करे—एक 100 साल पुरानी विरासत।' ललित केशरे की कहानी बताती है कि, एक असफल शुरुआत के बावजूद कुछ बड़ा करने की भूख आपको सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचाता है।