CG News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई स्थित श्रवण विकलांग स्कूल के 9 मूक-बधिर मित्रों ने अपने साहस और आत्मविश्वास से मिसाल कायम की।
CG News: केशकाल, अपनी भौगोलिक विशिष्टता, प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली से आच्छादित घाटियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की बारह मोड़ों वाली सर्पाकार घाटी, ईको टूरिज्म सेंटर टाटा मारी और कुऐ मारी के झरते झरने हर वर्ष देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को आकर्षित करते हैं। इसी प्राकृतिक सौंदर्य के बीच 3 नवंबर को छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई स्थित श्रवण विकलांग स्कूल के नौ पूर्व छात्र मित्र चार बाइकों पर सवार होकर केशकाल पहुंचे।
इन नौ मित्रों में सागर वैष्णव, अजय निषाद, भूपेंद्र साहू, पारस वर्मा, दुजराम साहू, रोशन सोनी, रूपलाल यादव, माधव देशमुख और डुमेंद्र निषाद शामिल थे। डुमेंद्र एक हाथ से दिव्यांग हैं, लेकिन केशकाल की खतरनाक मोड़ों वाली घाटी में भी उन्होंने जिस कुशलता से बाइक चलाई, वह सभी के लिए प्रेरणादायक रहा। सभी 25 वर्ष से कम आयु के ये मित्र विभिन्न जाति और ग्रामों से थे तथा श्रवण विकलांग स्कूल से शिक्षा प्राप्त कर 12वीं परीक्षा 60 प्रतिशत से अधिक अंकों से उत्तीर्ण कर चुके हैं।
CG News: इन मित्रों ने कहा कि ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रदेश का विकास किया है, खुशहाली अब हर कोने तक पहुंची है।’ इन मूक-बधिर मित्रों को यात्रा करते देखा, वे उनके हौसले और जीवन के उत्साह से अभिभूत हो गए। संवाद की खामोशी के बीच भी इन नौ मित्रों का साहस दिख रहा है।