कोरबा

CG Tendu Patta: बेमौसम बारिश का असर, तेंदूपत्ता संग्रहण लक्ष्य नहीं हो सका पूरा…

CG Tendu Patta: बेमौसम बारिश, हाथी प्रभावित क्षेत्र और बाघ की सूचना के बाद से कोरबा और कटघोरा वनमंडल दोनों ने संग्रहण निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सका है।

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Jun 06, 2025
तेंदूपत्ता संग्रहण लक्ष्य नहीं हो सका पूरा.(photo-patrika)

CG Tendu Patta: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य समाप्त हो चुका है, लेकिन इस बार बेमौसम बारिश, हाथी प्रभावित क्षेत्र और बाघ की सूचना के बाद से कोरबा और कटघोरा वनमंडल दोनों ने संग्रहण निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सका है।

कोरबा वनमंडल में 53 हजार 600 मानक बोरा पत्ता संग्रहित करने का लक्ष्य था, लेकिन 93 प्रतिशत पत्ता ही संग्रहित किया जा सका। कटघोरा वनमंडल में 76 हजार 300 मानक बोरा पत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जबकि 93 प्रतिशत पत्ता संग्रहण हो सका।

CG Tendu Patta: एक लाख 30 हजार मानक बोरा लक्ष्य नहीं हो सका पूरा

बताया जा रहा है कि दोनों वनमंडल के 728 फड़ बनाए गए थे। बेमौसम वर्षा की वजह से पत्तों का उपज प्रभावित हुआ है। इस वजह से दोनों वनमंडल पत्तों के संग्रहण लक्ष्य से पीछे रह गया। हालांकि संग्रहित पत्तों का आंकलन के अनुसार बीते वर्ष की तुलना में यह 20 हजार 39 मानक बोरा अधिक है।

तेंदूपत्ता की खरीदी में तत्काल भुगतान की प्रक्रिया के कारण पत्ता तोड़ाई को लेकर संग्राहकों में प्रतिस्पर्धा बनी हुई है। पिछले कुछ सालों से संग्रहण के समय मौसम में बदलाव के साथ वर्षा व तेज हवा से काम बाधित होता रहा।बीते वर्ष की तुलना में इस बार इस इसका मौसम मेें बदलाव की वजह से बारिश और आंधी का असर अधिक रहा। इसके अलावा जंगल में हाथी की धमक और बाघ द्वारा मवेशी के हमले की सूचना के बीच तेंदूपत्ता संग्रहण का काम प्रभावित हुआ।

जंगल में जंगली जानवरों के डर से प्रभावित रहा संग्रहण कार्य

ग्रामीण जंगल की ओर जाने से बचते रहे। कोरबा वनमंडल 38 समितियों में 280 फड़ बनाए गए हैं। कटघोरा में 44 समितियों के लिए 482 फड़ बनाए गए हैं। अंतिम चरण के तोड़ाई के अमानक पत्तों की बिक्री की आशंका को देखते हुए फड़ मुंशियों के पत्तों का आंकलन शुरू कर दिया था। प्रति वर्ष पत्तों के खराब होने का हवाला देकर पांच गड्डी अतिरिक्त पत्ते सरा के नाम पर ली जाती थी।

इस बार इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए गांव-गांव सरा न देने मुनादी कराई गई थी। तोड़ाई काम पूरा होने के बाद सूखे पत्तों को गोदामों मे पहुंचाया जाने लगा है। तेंदूपत्ता संग्रहण के नोडल अधिकारी ने बताया कि मौसमी आपदा से हरे पत्तों को सुरक्षित रखने के लिए फड़ों आसपास वैकल्पिक व्यवस्था जा रही है। संग्रहित पत्ताें में सूख चुके पत्तों को गोदाम में संग्रहित कर किया जा रहा है।

सूखे पत्ते फड़ों से पहुंचने लगे गोदाम

फैक्ट फाइल

5,500- रूपए प्रति मानक बोरा के दर से रही खरीदी

99,300- संग्राहक परिवार

1,29,500- मानक बोरा संग्रहण लक्ष्य

1,11,800- मानक बोरा संग्रहित पत्ते

अच्छी गुणवत्ता के पत्ते बिके अधिक दाम पर

खास बात यह है कि हितग्राही जितनी अधिक मात्रा में पत्तों का संग्रहण करते हैं उन्हे बोनस राशि का उतना ही लाभ मिलता है। इस बार ग्राम विमलता के पत्ते सर्वाधिक कीमत में बिका है। कोई, ठाकुरखेता, लेमरू के पत्तोें की भी बढ़चढ़ बोली लगी। यहां के पत्ते प्रति मानक बोरा 10 हजार रूपये से भी अधिक कीमत में बिके हैं। शासन ने पत्तों का दर 5,500 रूपए दर तय किया है। दोनों वन मंडलों में 99 हजार से भी अधिक संग्राहक परिवार पत्तों का संग्रहण करते हैं। संग्रहित परिवार के खातें में राशि भुगतान भी जारी है।

जिले के कटघोरा व कोरबा वनमंडल क्षेत्रों का जंगल हाथी प्रभावित है। तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान कोरबा वनमंडल के गुरमा, लबेद व कुदमुरा में हाथियों का दल विचरण कर रहा था। इस कारण निर्धारित फड़ों में कम समय ही पत्तों की खरीदी हो सकी। इसके अलावा बेला गिरारी आदि स्थानों में जंगली सुअर और भालू के विचरण की वजह से भी ग्रामीण जंगल की ओर जाने से बचते रहे। फड़ों से लगे वन क्षेत्रों में पत्तों की कम तोड़ाई हुई। कटघोरा के पाली वन क्षेत्र में बाघ के विचरण से लोगों को जंगल की ओर न जाने के लिए सतर्क किया गया था।

Published on:
06 Jun 2025 04:56 pm
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