Porcupine hunting: वन विभाग की टीम ने टेमरी जंगल से साही पकडऩे के लिए रखा गया जाल, बर्तन, कुल्हाड़ी तथा साही का मांस व अवशेष जब्त किए, आरोपियों को भेजा गया जेल
बैकुंठपुर। कोरिया जिले के वनपरिक्षेत्र बैकुंठपुर के टेमरी इलाके में वन्य प्राणी साही का शिकार कर मांस पकाते समय 3 ग्रामीणों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार (Porcupine hunting) किया है। तीनों के पास से जाल, बर्तन, कुल्हाड़ी तथा साही का मांस जब्त किया गया। वन विभाग की टीम ने तीनों के खिलाफ कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया। बता दें कि बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत साही का शिकार लंबे समय से चल रहा है। शिकारी यहां के जंगलों में सक्रिय हैं।
वन विभाग की उदासीनता के चलते पकड़े गए आरोपी लंबे समय से जंगली जानवरों का शिकार कर तस्करी में संलिप्त थे। मामले में वन परिक्षेत्र को शनिवार को खबर मिली थी कि इलाके में शिकारी सक्रिय हैं। पटना उपवन क्षेत्र के टेमरी में वन्य प्राणी साही (Porcupine hunting) को जाल में फंसाकर अवैध शिकार किया जा रहा है।
आरोपी टेमरी बीट के जंगल में वन्यजीव प्राणी साही का शिकार कर मांस भी पका रहे हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी भगन राम टीम के साथ टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान कुछ लोग साही (Porcupine hunting) के मांस के साथ बैठे थे। वन विभाग की टीम ने इलाके की घेराबंदी कर पकड़ लिया।
यह देवगढ़ धाम के समीप कक्ष क्रमांक आरएफ -432 वन खण्ड टेमरी है आरोपियों के पास से जाल फंदा, वायर, धारदार हथियार, कुल्हाड़ी, हांडी बर्तन और साही मांस (Porcupine hunting) का अवशेष बरामद हुआ। वन्यप्राणी अधिनियम 1972 के अनुसूची(1) की धारा 9, 39, 50, 51 एवं बीएनएसएस की धारा 35(3) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
मामले में आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। कार्रवाई में श्रद्धा देवी पैकरा वनपाल, मनोज एक्का, दुष्यंत सिंह, राकेश पाण्डेय, अमोलसाय, सुमेश्वर राजवाड़े व भूपेन्द्र कुमार शामिल रहे।
मामले (Porcupine hunting) में गिरफ्तार आरोपियों में रामलाल पिता मोहरसाय (29), देवलाल पिता अमरसाय (32), सुशील कुमार अगरिया पिता हिरालाल (26) सभी नानभान थाना पटना निवासी हैं। वन अमले ने आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय बैकुंठपुर में प्रस्तुत किया। जहां प्रकरण की गंभीरता को देख आरोपियों को न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा गया है।
साही (Porcupine hunting) एक कांटेदार वन्य जीव होता है। यह शाकाहारी, भारी भरकम और गोलाकार होता है। इस जीव को जैसे ही खतरा महसूस होता है। अपने शरीर पर लगे कांटे फैला लेता है। इसके शरीर पर लगे कांटे नुकीले और घातक होते हैं, जिससे खुद को सुरक्षित रखता है।
यह जानवर भोजन के लिए पेड़ पौधों पर निर्भर रहता है। जमीन पर उगने वाले पौधे, पेड़ों की छाल, गिरे फल, पत्तियां, घास को भोजन बनाता है। क्षेत्र में शिकार की वजह से संख्या में तेजी से कमी आई है।
क्षेत्र के जंगलों में लंबे समय से शिकारी (Porcupine hunting) सक्रिय हैं। वन अमला अब एलर्ट हुआ है। डीएफओ-एसडीओ ने आम जनता से कहा है कि वन प्राणियों पर अत्याचार, उत्पीडऩ या अवैध शिकार की सूचना प्राप्त होने पर वन विभाग को सूचित करें। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जंगलों में अवैध शिकार या वन्य जीवों को नुकसान पहुंचाने के मामले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।