Rules change for farmers: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का मामला, सीधे आधार लिंक्ड खातों में ट्रांसफर होगी धान बिक्री की रकम, पंजीकृत किसानों से सहमति पत्र लेने की प्रक्रिया हुई शुरु
बैकुंठपुर. राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी (Rules change for farmers) करने के नियम में बदलाव किया है। अब धान बेचने वाले किसानों को पैसा सीधे आधार लिंक्ड बैंक खातों में ट्रांसफर करने का फैसला गया लिया है। राज्य सरकार ने कोरिया को मॉडल जिले के रूप में चयन किया है। आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों से आधार लिंक कराना अनिवार्य होगा। इससे पंजीकृत किसानों से सहमति पत्र लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिससे समर्थन मूल्य पर धान बिक्री करने वाले किसानों को भुगतान आधार लिंक्ड खातों में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर के माध्यम से होगा।
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में जिले में पंजीकृत किसानों (Rules change for farmers) की संख्या 23117 है। जिसमें से धान विक्रय करने वाले किसानों की संख्या 20316 है। शेष किसान समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेच पाए थे। वर्तमान में आधार से लिंक खातों की संख्या 1873 है। कोरिया में पंजीकृत 19443 किसानों के बैंक खाते आधार से लिंक्ड नहीं है।
जिससे धान खरीदी (Rules change for farmers) से पहले लिंक्ड कराना अनिवार्य होगा। मामले में सहकारिता विभाग ने जिले के किसानों से कहा है कि संबंधित समिति या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा में उपस्थिंत होकर बैक खातों का आधार से लिंक कराएं।
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में पंजीकृत किसानों (Rules change for farmers) का कहना है कि पहले भी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से धान का पैसा मिलता था। राज्य सरकार ने नियम में बदलाव किया है और आधार लिंक्ड अनिवार्य किया है। ऐसे में जिला सहकारी बैंक के खाते की अनिवार्यता पर सवाल उठा रहे हैं।
उनका कहना है कि जिला सहकारी बैंक में डिजिटल सेवाएं नहीं है। उस बैंक में खाता है, उसी में आधार लिंक्ड करवाना समझ से परे है। जबकि सरकार ऑनलाइन डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में धान बिक्री के लिए पंजीकृत किसानों को किसी भी बैंक का खाता जोड़वाने की छूट मिलनी चाहिए।
जहां डिजिटल सेवाएं मिलती है। सहकारी बैंक में न कोर बैंकिंग है, न एटीएम है और न ही ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं मिलती है। समर्थन मूल्य पर धान बिक्री (Rules change for farmers) करने के बाद हर सप्ताह सहकारी बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है, उसमें भी महज 20 हजार निकासी राशि निर्धारित है।